Children who saved the newborn got blessings from the governor to move forward after being educated

राज्यपाल से मिले बच्चे
– फोटो : amar ujala

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वो आंटी जो बड़े से मकान में रहती हैं, उन्होंने हमें ये बैग दिया, इसमें किताब है, रंग है। चॉकलेट भी दी है उन्होंने। कह रही थीं कि स्कूल जाओगे तो हमने कहा-हां हम जाएंगे। चेहरे पर शरारत भरी हंसी लिए अपने जज्बात को बेलौस अंदाज में बयां किया गोमती नदी से नवजात को निकालने वाले चारों बच्चों ने। राजभवन में बच्चों को सम्मानित करने, तोहफे देने और उनके अभिभावकों से मिलने के बाद राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बच्चों को उनकी उम्र के अनुसार, आंगनबाड़ी तथा स्कूली शिक्षा से जोड़ने का निर्देश दिया। अमर उजाला ने ही बच्चों के इस साहसिक कृत्य की खबर समाचार पत्र में प्राथमिकता से प्रकाशित की थी। इसी का संज्ञान लेकर राज्यपाल ने बच्चों से मिलने की इच्छा जताई थी।

कुड़ियाघाट की बस्ती में रहने वाले तौसीफ, हसीब, गुफरान, जीशान उर्फ अहसान को एडीसीपी पश्चिम चिरंजीव नाथ सिन्हा राजभवन लेकर पहुंचे। राज्यपाल ने कुड़ियाघाट की बस्ती की सभी बालिकाओं को केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं से जोड़ने को कहा। साथ ही झोपड़पट्टी में स्वास्थ्य शिविर लगाकर सभी जांचें करने को कहा है। साथ ही ये भी निर्देश दिया कि झोपड़पट्टी स्थल का प्राथमिकता पर सर्वे करें और समस्या व जरूरतों को सूचीबद्ध किया जाए।

राज्यपाल ने अपने शिक्षिका के कार्यकाल के दौरान नर्मदा के बहाव से दो बालिकाओं को बचाने की घटना का जिक्र किया। कहा कि साहस से जीवन में परिवर्तन आता है। कमेटी बनाकर बच्चों के हित में प्राथमिकता से कार्य करने का निर्देश राज्यपाल ने दिया। इस मौके पर आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन की क्षेत्रीय अध्यक्ष महालक्ष्मी सुब्रमणि ने एसोसिएशन के माध्यम से स्वास्थ्य शिविर लगाने, बच्चों को स्कूली शिक्षा से जोड़ने समेत कौशल विकास आदि के लिए अपनी तरफ से प्रस्ताव दिया है।



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