आगरा में दयालबाग क्षेत्र के जगनपुर मौजा में राधा स्वामी सत्संग सभा द्वारा अवैध रूप से कब्जा की जमीन पर शनिवार को आगरा प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया। हालांकि देर शाम सत्संगियों ने फिर से प्रशासन को चुनौती देते हुए गिराई गई दीवारों की जगह पर कटीले तार और गेट लगाकर फिर से उसे जमीन पर कब्जा कर लिया।



113 साल में पहली बार चला बुलडोजर

दयालबाग के खेतों, चकरोड पर कब्जा करने के मामले में राधास्वामी सत्संग सभा के खिलाफ 113 साल में पहली बार प्रशासन का बुलडोजर चला है। सत्संग सभा ने 1949 से लेकर अब तक हर बार जमीन के विवाद में प्रशासन को उनके खेतों पर भटकने नहीं दिया। पहली बार छह गेटों के टूटने के साथ सत्संगियों का गुरूर भी टूटा है।


कब शुरू हुआ विवाद

जमीनों को लेकर विवाद तब शुरू हुए, जब 1942 में ब्रिटिशकालीन भारत में कॉलोनी और खेतों के नाम पर जमीन अधिग्रहण के प्रस्ताव हुए। खासपुर, जगनपुर, घटवासन, मनोहरपुर, नगला तल्फी, पोइया घाट, लाल गढ़ी के किसानों के साथ विवाद शुरू हुए। तब से अब तक सत्संग सभा के खिलाफ प्रदर्शन, विवाद होते रहे हैं। 


समझौता नहीं इस बार हुई कार्रवाई

राधास्वामी सत्संग सभा, दयालबाग 1910 में बनी थी। पहली बार आजाद भारत में 1949 में विद्युत नगर का रास्ता बंद करने के मामले में कलेक्ट्रेट में लोगों ने इनके खिलाफ प्रदर्शन किया था। उसके बाद लगातार प्रदर्शन, पथराव, गोलीबारी, मारपीट के मामले होते गए, पर प्रशासन एक बार भी कार्रवाई नहीं कर पाया। पूर्व विधायक विजय सिंह राणा ने 1984 में आंदोलन की शुरूआत की, पर सत्संग सभा ने कब्जे नहीं हटाए। पहली बार शनिवार को डीएम भानु चंद्र गोस्वामी के आदेश पर सत्संग सभा के छह गेट ध्वस्त किए गए। 


ऐसे शुरू हुआ ताजा विवाद

कुछ माह पहले सत्संग सभा ने खेतों के चक रोड, मेन रोड और नहर आदि की जमीन पर गेट लगाकर किसानों का आवागमन बंद कर दिया। 28 अप्रैल, 2023 को पोइया घाट पर 155 बीघा जमीन कब्जाने के साथ 10 हेक्टेयर जमीन पर गेट लगाने के मामले में प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की। नोटिस का समय बीतने पर शनिवार को बुलडोजर चलाया गया। बीते सप्ताह सभा के अध्यक्ष और दो उपाध्यक्षों को भूमाफिया घोषित करने की सिफारिश तहसील स्तरीय एंटी भूमाफिया टास्क फोर्स कर चुकी है।




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