जिला मुख्यालय से करीब 40 किमी दूर महराजगंज बाजार में 13 अक्तूबर 2024 को शाम 6 बजे दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान विवाद शुरू हो गया। महराजगंज कस्बे में मुस्लिम समाज के लोगों ने डीजे बंद करने को कहा, जिस पर तनातनी बढ़ी और दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। इसी दौरान जुलूस पर पत्थरबाजी हुई और पथराव-आगजनी के साथ 20 राउंड से अधिक फायरिंग की गई।
हंगामे के बीच रेहुआ मंसूर निवासी रामगोपाल मिश्रा अब्दुल हमीद के घर की छत पर चढ़ गए और वहां लगा झंडा उतारकर उसकी जगह भगवा झंडा फहरा दिया। आरोप है कि इसके बाद अब्दुल हमीद, उसके बेटे सरफराज और अन्य आरोपियों ने रामगोपाल को घर के अंदर खींच लिया और बुरी तरह पीटने के बाद उसके पैरों के नाखून उखाड़े और बर्बरता करने के बाद गोली मार दी। लखनऊ ले जाते समय रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
रामगोपाल की मौत की खबर फैलते ही भीड़ आक्रोशित हो गई। सड़क जाम कर मूर्ति विसर्जन रोक दिया गया। रातभर विरोध प्रदर्शन चलता रहा। रात में ही डीएम मोनिका रानी और एसपी वृंदा शुक्ला मौके पर पहुंचीं और कई थानों की फोर्स तैनात की गई, बावजूद इसके अगले दिन सुबह फिर हिंसा भड़क उठी।