Muzaffarnagar जनपद के रामराज खादर क्षेत्र को लेकर एक बार फिर गंभीर आरोप सामने आए हैं। तत्कालीन लेखपाल जयभगवान अग्रवाल ने एक प्रेसवार्ता आयोजित कर दावा किया कि इस क्षेत्र में संगठित गिरोह सक्रिय हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य वन विभाग और ग्राम समाज की भूमि पर अवैध कब्जा करना है।
रुड़की रोड स्थित एक रेस्टोरेंट में आयोजित इस प्रेसवार्ता में उन्होंने प्रशासनिक व्यवस्था, भूमाफियाओं और अफसरशाही की कार्यशैली पर तीखे सवाल खड़े किए। यह मामला अब Muzaffarnagar News के तहत व्यापक चर्चा का विषय बन गया है।
सरकारी जमीन पर अवैध कब्जों का आरोप, वर्षों से जारी खेल
जयभगवान अग्रवाल ने आरोप लगाया कि रामराज खादर क्षेत्र में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे कोई नई बात नहीं है, बल्कि यह वर्षों से योजनाबद्ध तरीके से किया जा रहा खेल है।
उन्होंने कहा कि—
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वन विभाग की भूमि
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ग्राम समाज की जमीन
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खादर क्षेत्र की उपजाऊ कृषि भूमि
को धीरे-धीरे भूमाफियाओं द्वारा हड़पा गया।
उनका दावा है कि Ramraj Khadar land mafia ने अरबों रुपये मूल्य की सरकारी संपत्ति पर कब्जा कर लिया, जबकि प्रशासनिक स्तर पर समय-समय पर दिखाई गई कार्रवाई केवल दिखावा साबित हुई।
2014-15 का भूमि प्रकरण फिर चर्चा में, कार्रवाई पर उठे सवाल
पूर्व लेखपाल ने वर्ष 2014-15 का उल्लेख करते हुए बताया कि जानसठ तहसील से जुड़ा एक बड़ा भूमि प्रकरण उस समय सामने आया था, जिसने समाचार पत्रों की सुर्खियां भी बटोरी थीं।
लगभग एक माह तक जिला प्रशासन द्वारा खादर क्षेत्र में अधिकारियों की तैनाती कर भूमाफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की गई थी।
लेकिन जयभगवान अग्रवाल के अनुसार—
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यह कार्रवाई स्थायी समाधान नहीं दे सकी
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भूमाफिया कुछ समय बाद फिर सक्रिय हो गए
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और अवैध कब्जों का सिलसिला पहले से भी तेज हो गया
उन्होंने सवाल उठाया कि यदि कार्रवाई इतनी सख्त थी, तो Ramraj Khadar land mafia आज भी कैसे सक्रिय है।
किसानों पर फर्जी मुकदमे, जमीन और फसल पर डाका
प्रेसवार्ता के दौरान जयभगवान अग्रवाल ने दावा किया कि अवैध कब्जों का विरोध करने वाले किसानों को निशाना बनाया गया।
उनके अनुसार—
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किसानों की जमीन छीनी गई
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खड़ी फसलों को जबरन काटकर बेच दिया गया
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किसानों पर फर्जी मुकदमे दर्ज कराए गए
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और सबूत तक गढ़े गए
उन्होंने कहा कि किसान की बात हर मंच पर की जाती है, लेकिन जब वास्तव में उसके हक की लड़ाई लड़ने की जरूरत होती है, तो कोई साथ खड़ा नहीं होता।
अरबों की सरकारी संपत्ति की बंदरबाट का दावा
जयभगवान अग्रवाल ने दावा किया कि खादर क्षेत्र में सैकड़ों बीघा खड़ी गन्ने की फसल बेची गई, लेकिन—
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उसका पैसा कभी भी राजकोष में जमा नहीं हुआ
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न ही इसकी कोई पारदर्शी जांच हुई
उनका कहना है कि यह सब कुछ अफसरशाही और भूमाफियाओं की मिलीभगत के बिना संभव नहीं हो सकता।
यह आरोप Ramraj Khadar land mafia प्रकरण को और गंभीर बना देता है।
‘अफसरशाही: एक अनसुना सच’ पुस्तक में दर्ज आपबीती
प्रेसवार्ता के दौरान जयभगवान अग्रवाल ने पत्रकारों को अपनी लिखित पुस्तक “अफसरशाही: एक अनसुना सच” भी उपलब्ध कराई।
उन्होंने बताया कि इस पुस्तक में—
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उनके साथ हुए उत्पीड़न
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ईमानदारी की सजा
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और प्रशासनिक दबाव की पूरी कहानी
को प्रमाणों और तथ्यों के साथ दर्ज किया गया है।
उन्होंने कहा कि एक सरकारी कर्मचारी के लिए ईमानदारी से काम करना बेहद कठिन हो गया है, और उन्हें इसकी कीमत झूठे मुकदमों के रूप में चुकानी पड़ी।
ईमानदारी की सजा: झूठे मुकदमे और मानसिक उत्पीड़न
जयभगवान अग्रवाल ने भावुक होते हुए कहा कि उन्होंने नियमों के अनुसार काम किया, लेकिन बदले में उन्हें—
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कई झूठे मुकदमों
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प्रशासनिक दबाव
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और मानसिक प्रताड़ना
का सामना करना पड़ा।
उनका आरोप है कि Ramraj Khadar land mafia के खिलाफ आवाज उठाना ही उनके लिए सबसे बड़ा अपराध बन गया।
राष्ट्रपति से लेकर सीबीआई तक को भेजी पुस्तक
पूर्व लेखपाल ने बताया कि उन्होंने न्याय की गुहार लगाते हुए अपनी पुस्तक और संबंधित पत्र—
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महामहिम राष्ट्रपति
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प्रधानमंत्री
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मुख्य न्यायाधीश, उच्चतम न्यायालय
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गृहमंत्री
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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
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मुख्य न्यायाधीश, हाईकोर्ट इलाहाबाद
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मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश
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केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त
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निदेशक, प्रवर्तन निदेशालय
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निदेशक, सीबीआई
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डीएम व एसएसपी मुजफ्फरनगर
सहित कई उच्च अधिकारियों को प्रेषित की है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि कहीं-न-कहीं से उन्हें न्याय जरूर मिलेगा।
प्रशासन और समाज के लिए गंभीर चेतावनी
यह पूरा मामला केवल एक व्यक्ति का संघर्ष नहीं, बल्कि सरकारी भूमि, किसानों और प्रशासनिक पारदर्शिता से जुड़ा गंभीर सवाल है।
Ramraj Khadar land mafia को लेकर लगाए गए आरोप यह संकेत देते हैं कि यदि समय रहते निष्पक्ष जांच और कठोर कार्रवाई नहीं हुई, तो सरकारी जमीन और किसानों के अधिकार लगातार खतरे में बने रहेंगे।
रामराज खादर क्षेत्र को लेकर लगाए गए ये आरोप Muzaffarnagar News के तहत प्रशासन, सरकार और समाज—तीनों के लिए गंभीर सवाल खड़े करते हैं। Ramraj Khadar land mafia के कथित नेटवर्क, किसानों पर हुए अत्याचार और सरकारी जमीन की बंदरबाट के दावे अब निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। पूर्व लेखपाल जयभगवान अग्रवाल की यह आवाज यदि अनसुनी रह गई, तो यह केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की हार मानी जाएगी।
