यूपी के अयोध्या स्थित राम मंदिर के ध्वजारोहण अनुष्ठान ने वैदिक परंपरा की जिस विराटता को पुनर्जीवित किया, वह अपने आप में अद्वितीय है। पांच दिनों (21 से 25 नवंबर) तक चले इस महायज्ञ में नौ अग्निकुंडों से उठती पवित्र ज्वालाओं ने पूरे परिसर को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया। आचार्य मंडल की ओर से कुल 30 घंटे तक पूजा और लगभग 2.33 लाख मंत्रों के जप ने धर्म ध्वज को सनातन परंपरा का दिव्य आशीष प्रदान किया।

यज्ञ मंडप में प्रतिदिन प्रातः ब्रह्ममुहूर्त से ही आचार्यों का दल मंडप शुद्धि, कलश पूजन और देव आवाहन की प्रक्रियाओं में जुट जाता था। इसके बाद वैदिक आचार्यों ने क्रमशः पुराणों, श्रीमद्भागवत महापुराण, शिवपुराण, ब्रह्मवैवर्त पुराण और वाल्मीकि रामायण के विशिष्ट मंत्रों का जप किया। मंत्रों की यह ध्वनि जब नौ अग्निकुंडों की लपटों से मिलती थी, तो मानों यज्ञशाला स्वयं देवलोक में परिवर्तित हो उठती थी।




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Acharya Mandal chanted 2.33 lakh mantras during flag hoisting ceremony at Ram Temple in ayodhya

ध्वजारोहण का चक्र घूमा।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


हर मंत्र के साथ आचार्यों ने आहुति समर्पित की, जो सूर्य, अग्नि, वायु, हनुमान, गणेश और श्रीराम के आवाहन का स्वरूप बना। अग्निहोत्र की सुगंध, घी की आहुति से उत्पन्न कंपन और वेदमंत्रों की तरंगों ने धर्मध्वज को आध्यात्मिक तेज प्रदान किया। 


Acharya Mandal chanted 2.33 lakh mantras during flag hoisting ceremony at Ram Temple in ayodhya

राम मंदिर में फहराया भगवा ध्वज।
– फोटो : ANI


यज्ञ के ब्रह्मा डॉ. पंकज शर्मा ने बताया कि ध्वजारोहण के अनुष्ठान में विशेष रूप से ‘राम रक्षा स्तोत्र, ‘पुरुष सूक्त’, ‘श्रीसूक्त’, ‘रुद्रपाठ’ और वाल्मीकि रामायण के मंत्रों का जप किया गया, जिसे शुभता और विजय का प्रतीक माना जाता है। 


Acharya Mandal chanted 2.33 lakh mantras during flag hoisting ceremony at Ram Temple in ayodhya

राम मंदिर ध्वजारोहण समारोह।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


इतने बड़े स्तर पर मंत्रजाप और अग्निहोत्र ने मिलकर धर्मध्वज को ऐसी दिव्य शक्ति दी है जो पूरे परिसर की आध्यात्मिक परिधि को संरक्षित रखेगी। धर्मध्वज उस दिव्य ऊर्जा से अभिषिक्त है, जिसकी शक्ति युगों तक अयोध्या की रक्षा, समृद्धि और धर्मबल का प्रतीक बनकर लहराती रहेगी।


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यज्ञमंडप में मंत्रोच्चार करते आचार्य मंडल के सदस्य।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


ध्वजारोहण के दौरान पढ़ा गया मंत्र

ॐ नमोस्तुते ध्वजाय, सकल भुवन जन-हिताय, विभव सहित विमल चरित, बोधकाय मंगलाय ते सततम्…

अर्थात- हे ध्वज, मैं तुम्हें नमन करता हूं। तुम सभी भुवनों और लोगों के हित के लिए हो, विभव और निर्मल चरित्र का बोध कराते हो, शतत मंगल करने वाले हो…।




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