
सांकेतिक तस्वीर
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सोने में लगातार गिरावट के बावजूद पीली धातु का आकर्षण बरकरार है। इसकी वजह है सोने पर अटूट भरोसा। कोरोना की तीन साल की मार भी सोने को हिला नहीं सकी है। वर्ष 2020 यानी कोरोना वर्ष में सोना 39 हजार रुपये के भाव में था, ये आज करीब 58 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव में है। यानी कि सोने ने केवल तीन साल में 50 फीसदी का रिटर्न दिया। इन तीन सालों में प्रापर्टी ने औसतन 12 से 30 फीसदी का मुनाफा दिया। म्यूचुअल फंड ने 40 फीसदी का औसत मुनाफा दिया।
उत्तर प्रदेश सराफा एसोसिएशन के मंत्री रामकिशोर मिश्र के मुताबिक सोने की कीमत छह महीने के सबसे निचले स्तर पर है। जब भी ग्लोबल अर्थव्यवस्था जरा सा भी डांवाडोल होती है तो निवेशक सुरक्षित निवेश के लिए सोने पर ही दांव लगाते हैं। रही सही कसर सटोरियों ने पूरी कर दी है।
स्थानीय बाजार पर पितृपक्ष का भी असर है। यही वजह है कि पिछले 10 दिन में चांदी लगभग 6200 रुपये किलो सस्ती हुई है, जबकि 10 ग्राम सोना भी करीब 2400 रुपये नीचे आया है। सोने पर भरोसे की वजह भी है, क्योंकि तमाम चुनौतियों के बावजूद सोने ने लगातार सकारात्मक रिटर्न ही दिया है। वर्ष 2010 से देखें तो 13 साल में 350 फीसदी का रिटर्न किसी सेक्टर ने स्थायी रूप से नहीं दिया है।
वर्ष 2010 से सोना-चांदी के रेट
वर्ष चांदी सोना
2010 26850 17180
2011 46,600 20945
2012 51500 27640
2013 57850 31060
2014 43950 29675
2015 36450 27035
2016 33500 25420
2017 39400 28500
2018 40100 30280
2019 39260 32350
2020 46900 39125
2021 67000 51500
2022 64200 49600
2023 69600 58125
(सोना प्रति 10 ग्राम और चांदी के रेट प्रति किलो)
म्यूचुअल फंड भी बना पसंद, लेकिन रिटर्न में पीछे
बचत के नए विकल्पों की तलाश कर रहे निवेशकों खास तौर पर छोटे और युवा निवेशकों को म्यूचुअल फंड ने खासा आकर्षित किया है। मार्केट रिसर्च विशेषज्ञ राजीव तुलस्यान के मुताबिक स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड के एसआईपी प्लान ने नौ महीने में औसत 25 फीसदी का रिटर्न दिया है। एक साल में 40 फीसदी और पांच साल में 28 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न एसआईपी ने दिया है। इसी अवधि में शेयर बाजार ने 20 फीसदी का औसत मुनाफा दिया है। बैंकों के फिक्स्ड डिपाडिट ने भी सुधार किया है और ग्राहकों को लगभग सात फीसदी रिटर्न दिया है। प्रापर्टी बाजार एक्सपर्ट वाई के सिंह ने बताया कि बड़ी धनराशि लगाने वालों के लिए संपत्ति पहली पसंद है। यूपी में लखनऊ, कानपुर, बनारस, गोरखपुर में प्रापर्टी की कीमतें बढ़ी हैं। यहां एक साल में 10 फीसदी और तीन साल में औसत 25 फीसदी तक कीमतें बढ़ी हैं।