Muzaffarnagar रोहाना स्थित आईपीएल चीनी मिल प्रांगण में मंगलवार को एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसने किसानों और कृषि तकनीक के क्षेत्र में नई ऊर्जा भर दी। इस कार्यक्रम में विशेष रूप से बेलारूस से आए प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया, जिनमें अल्के सकरेज और रूसलन ड्रोज प्रमुख अतिथि के रूप में मौजूद रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिसमें इंडियन पोटाश लिमिटेड (IPL) के प्रबंध निदेशक पी.एस. गहलौत, जीएम लोकेश बालियान, और एचआर हेड आर.के. तिवारी ने संयुक्त रूप से भाग लिया। दीप प्रज्वलन के दौरान तालियों की गूंज से पूरा प्रांगण गूंज उठा।
पी.एस. गहलौत ने किसानों से कहा – बेलारूस ट्रैक्टर भारत के कृषि इतिहास का गर्व है
मुख्य अतिथि पी.एस. गहलौत ने अपने संबोधन में कहा कि भारत में आधुनिक कृषि तकनीक की शुरुआत बेलारूस से ही हुई थी। उन्होंने बताया, “देश में सबसे पहला ट्रैक्टर जो आया था, वह बेलारूस से आया था — और उसी ने भारतीय खेती को नई दिशा दी।”
उन्होंने कहा कि इंडियन पोटाश लिमिटेड का उद्देश्य किसानों को तकनीकी सहयोग देना है ताकि उनकी उत्पादकता और आय दोनों में वृद्धि हो सके। उन्होंने किसानों से आधुनिक मशीनरी अपनाने की अपील की और बताया कि बेलारूस की तकनीक भारतीय परिस्थितियों के लिए अत्यंत उपयुक्त है।
जीएम लोकेश बालियान बोले – बेलारूस कृषि तकनीक भारत के लिए वरदान साबित होगी
कार्यक्रम में जीएम लोकेश बालियान ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि बेलारूस के सहयोग से किसानों को बेहतर उपज और उन्नत फसल प्राप्त करने में मदद मिल रही है। उन्होंने कहा,
“बेलारूस हमें उच्च गुणवत्ता वाले कृषि उपकरण और ट्रैक्टर उपलब्ध कराता है, जिससे किसान कम मेहनत में अधिक उत्पादन कर रहे हैं। इसका सीधा फायदा भारतीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिल रहा है।”
उन्होंने किसानों को यह भी भरोसा दिलाया कि इंडियन पोटाश लिमिटेड आने वाले वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि मशीनीकरण को और आगे बढ़ाएगा।
बेलारूस के प्रतिनिधियों ने की सराहना – कहा, भारतीय किसान मेहनती और नवोन्मेषी हैं
कार्यक्रम में शामिल अल्के सकरेज और रूसलन ड्रोज ने भारतीय किसानों की मेहनत की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि भारत और बेलारूस के बीच कृषि संबंध सिर्फ व्यापारिक नहीं, बल्कि विश्वास और दोस्ती पर आधारित हैं। बेलारूस सरकार का उद्देश्य भारतीय किसानों को ऐसी तकनीक देना है जो उनकी उत्पादकता बढ़ाए और उन्हें वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करे।
दोनों प्रतिनिधियों ने कहा कि बेलारूस की ट्रैक्टर और कृषि उपकरण तकनीक भारतीय खेतों की ज़रूरतों के अनुरूप है, और भविष्य में यह सहयोग और भी गहरा होगा।
कार्यक्रम के बाद किया गया शुगर मिल और डिस्टिलरी प्लांट का निरीक्षण
कार्यक्रम समाप्ति के बाद बेलारूस के अतिथियों और आईपीएल ग्रुप के अधिकारियों ने रोहाना चीनी मिल व डिस्टिलरी प्लांट का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने मशीनरी की कार्यप्रणाली, उत्पादन क्षमता और पर्यावरण-संरक्षण तकनीकों की जानकारी ली।
एमडी पी.एस. गहलौत ने कहा कि आईपीएल ग्रुप सतत विकास की दिशा में काम कर रहा है और बेलारूस की मशीनरी इसमें एक अहम योगदान दे रही है। उन्होंने यह भी बताया कि आगामी सत्रों में किसानों को नई तकनीकों से जोड़ने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किसान और स्थानीय नेता रहे मौजूद
इस अवसर पर क्षेत्र के सैकड़ों किसान और प्रमुख हस्तियां उपस्थित रहीं। जिनमें मुख्य रूप से –
पी.एस. गहलौत (एमडी, आईपीएल), लोकेश कुमार बालियान (जीएम), आर.के. तिवारी (एचआर हेड), संजीव चौधरी, अजय त्यागी घलोली, गन्ना समिति के पूर्व चेयरमैन प्रवीण त्यागी, मनोज प्रधान, सतवीर मास्टर, नित्यानंद त्यागी, मनोज त्यागी, नीटू प्रधान, विजय प्रधान (सादपुर), मनोज जटनगला, अजय त्यागी (पूर्व प्रधान मलीरा), दुष्यंत त्यागी (माठु), मंजू त्यागी, पोपिन प्रधान (सिभालकी), याहिया त्यागी, राजकुमार त्यागी और सुशील त्यागी आदि मौजूद रहे।
इन सभी ने कार्यक्रम के आयोजन और बेलारूस के साथ साझेदारी की सराहना की। किसानों ने भी कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से उन्हें नई तकनीक और बेहतर अवसरों की जानकारी मिलती है।
आईपीएल ग्रुप – किसानों के लिए तकनीक और नवाचार का सेतु
इंडियन पोटाश लिमिटेड (IPL) ने वर्षों से किसानों के हित में कार्य किया है। कंपनी का उद्देश्य केवल खाद और पोटाश की आपूर्ति करना नहीं, बल्कि किसानों को आधुनिक कृषि यंत्रों, ट्रैक्टरों, और उपकरणों से जोड़ना भी है। बेलारूस के साथ यह साझेदारी इसी दिशा में एक और बड़ा कदम है।
कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि भविष्य में बेलारूस के सहयोग से भारत में ट्रैक्टर निर्माण और सप्लाई चेन को और मजबूत किया जाएगा।
कृषि तकनीक में नए युग की शुरुआत – बेलारूस और भारत साथ-साथ
भारत और बेलारूस की यह साझेदारी कृषि जगत में नई क्रांति ला सकती है। बेलारूस की तकनीक और भारत के किसानों की मेहनत मिलकर ‘नए हरित युग’ की ओर इशारा कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में बेलारूस ट्रैक्टर और मशीनरी भारतीय खेतों की पहचान बन जाएंगे।
रोहाना के इस आयोजन ने यह साबित कर दिया कि जब तकनीक और परंपरा मिलती हैं, तो खेती सिर्फ जीविका नहीं, बल्कि समृद्धि का प्रतीक बन जाती है। बेलारूस से आए अतिथियों ने भारत की मिट्टी की खुशबू महसूस की और किसानों ने दुनिया से जुड़ने का सपना देखा। इंडियन पोटाश लिमिटेड की यह पहल भारत के कृषि भविष्य के लिए उम्मीद की नई किरण है।
