72 thousand dogs had to be sterilized in the last four years in lucknow

आवारा कुत्ते भगाता पुलिसकर्मी
– फोटो : अमर उजाला

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 कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने में नगर निगम प्रशासन मुस्तैदी से डटा है। पिछले चार साल में 72 हजार कुत्तों की नसबंदी व रैबीज वैक्सीनेशन हुआ है। जोकि कुल आबादी का 60 प्रतिशत है। इसके अतिरिक्त 17 नगर निगमों में बर्थ कंट्रोल सेंटर स्थापित किए गए हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले आठ से दस वर्षों में कुत्तों की आबादी नियंत्रित कर ली जाएगी।

यह आंकड़े जून, 2023 की सर्वे रिपोर्ट के हैं, जिसे शनिवार को रवीन्द्रालय में ह्रयूमन सोसाइटी इंटरनेशनल(एचएसआई) के चार वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में साझा किया गया। यह संस्था नगर निगम द्वारा कुत्तों की जनसंख्या नियंत्रित करने के लिए अनुबंधित संस्था है। कार्यक्रम के दौरान संस्था द्वारा बताया गया कि सर्वे के अनुसार दिसंबर, 2019 में ज़ब संस्था ने कार्य शुरू किया था, तब कुत्तों की कुल जनसंख्या में 7.8% पिल्लों की संख्या थीं, 12.7% दूध पिलाने वाली श्वान मादाएं थीं। यह संख्या जून, 2023 में घटकर क्रमशः 5.1% और 2.2 % रह गई है। इससे स्पष्ट है की कुत्तों की संख्या में कमी आ रही है। 

प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात, विशेष सचिव नगर विकास राजेंद्र पैनसिया, अपर नगर आयुक्त डॉ. अरविन्द राव, पशु कल्याण अधिकारी डॉ. अभिनव वर्मा, पशु कल्याण अधिकारी कानपुर डॉ. राम किशोर निरंजन, संस्था की प्रोग्राम डायरेक्टर कैरेन नजरथ कार्यक्रम में शामिल रहे। कार्यक्रम में श्वानों की जनसंख्या नियंत्रित करते हुए मानव श्वान संघर्ष में कमी लाने पर केंद्रित नाटक का मंचन किया गया। अंत में कार्यक्रम का समापन समाज में श्वानों की जनसंख्या नियंत्रित और मानव श्वान संघर्ष में कमी लाने वाले व्यक्तियों कों सम्मानित कर किया गया।

एक और एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर की जरूरत

प्रमुख सचिव अमृत अभिजात द्वारा श्वानों की मानव जीवन में उपयोगिता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि समाज में इस विषय पर अभी और जागरूकता तथा प्रसार की आवश्यकता है। उन्होंने कहाकि  लखनऊ नगर निगम सीमा के अंतर्गत विस्तारित क्षेत्रों के शामिल होने के बाद एक और एनिमल बर्थ कण्ट्रोल सेंटर की आवश्यकता है। इससे लोगों को राहत मिलेगी। इसके लिए नगर निगम प्रशासन डीपीआर बनाकर शासन को भेजे।

दस साल में नियंत्रित होगी जनसंख्या

विशेष सचिव नगर विकास राजेंद्र पैंसिया द्वारा जारहरा स्थित श्वान बधियाकरण केंद्र का उच्चीकृत करते हुए विश्वस्तरीय ट्रेनिंग सेंटर में विकसित करने की बात कही गई। इसके लिए शासन से स्वीकृति मिल गई है। उन्होंने आगे बताया कि वर्ष 2022 तक केवल दो नगर निगमों में एनिमल बर्थ कण्ट्रोल सेंटर स्थापित थे, पर वर्ष 2023 तक के डेढ़ वर्ष के कार्यकाल सभी 17 नगर निगमों में सेंटर स्थापित हो गए हैं। उन्होंने यह भी कहाकि श्वानों की जनसंख्या में कमी रातोंरात नहीं हो जाएगी, बल्कि इस प्रक्रिया में श्वानों के हितों, पर्यावरण और परिस्थितिकी का संतुलन बनाए रखते हुए 8-10 वर्ष लग जायेंगे।



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