
मुस्मिल महिलाएं रख रही हैं छठ का व्रत
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सूर्य उपासना के महापर्व छठ की शुरूआत हो गई है। लखनऊ में बड़ी संख्या में महिलाएं छठ का त्योहार मना रहीं हैं। खास बात यह है कि नवाबों के शहर कहे जाने वाले लखनऊ में गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल देखने को मिली। यहां कुछ मुस्लिम महिलाएं भी छठ का व्रत रखकर इस त्योहार को मना रही हैं। परिवार की उन्नति के लिए रखे जाने वाले इस कठिन व्रत को शहर की कुछ मुस्लिम महिलाएं भी रखती हैं। कई सालों से छठ पूजा कर रहीं इन महिलाओं का कहना है कि हमारे लिए परिवार सबसे पहले है। अगर किसी व्रत को रखने से घर में खुशहाली आए तो इसमें कुछ गलत नहीं है। ये महिलाएं हिंदुओं के अन्य त्योहार भी पूरी श्रद्धा से मनाती हैं। इनका मानना है कि इससे समाज में आपसी प्रेम और अमन-चैन भी बना रहता है। छठ महापर्व पर पेश है इनसे बातचीत के अंश।
छठ हिंदू-मुस्लिम का नहीं, आनंद का पर्व
मैं तीन साल से छठ मना रही हूं। यह हिंदू-मुस्लिम नहीं, आनंद का पर्व है। इसमें परिवार के साथ अच्छा समय बिताते हैं। मान्यता है कि इस व्रत के दौरान भोर में सूर्य भगवान को अर्ध्य देने से परिवार की उन्नति होती है। इसी कारण मैं इस व्रत को पूरी आस्था से रखती हूं। पति मो. कैफ व पांच बच्चे भी इसमें मदद करते हैं-गुलजार बानो, खुर्रमनगर
बेटियों की खुशहाली के लिए रखूंगी व्रत
छठ की महत्ता का पता चलने पर मैं इस बार यह व्रत रखने जा रही हूं। यह काफी कठिन व्रत है। मुझे जल्दी उठने की आदत नहीं है, फिर भी अपनी दोनों बेटियों की खुशहाली के लिए इसका जरूर पालन करूंगी। मैंने इंटरनेट पर पढ़ा है कि 36 घंटे का यह विशेष व्रत सूर्य की उपासना के साथ रखा जाता है। यूट्यूब की मदद से इस व्रत को पूरी आस्था के साथ रखूंगी। यह व्रत परिवार की शांति के लिए रखा जाता है और मैं अपने परिवार के लिए कुछ भी कर सकती हूं।-सहर जावेद फारुकी, बीबीडी विवि के पास
छठी मइया को खुश करने में नहीं छोडूंगी कसर
मैंने अपने दोनों बच्चों की खुशी के लिए यह व्रत रखूंगी। यह व्रत कड़े नियम वाला है। इसमें प्रसाद से लेकर नया चूल्हा व अन्य वस्तुएं एहतियात के साथ रखे जाते हैं। सोशल मीडिया पर देखकर यह व्रत करूंगी। छठी मइया को खुश करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।-कैसुन निशा, खुर्रमनगर