अतिक्रमण और अराजकता के गढ़ चारबाग रेलवे स्टेशन के सामने रविवार सुबह दर्दनाक हादसा हुआ। सात साल के बेटे को बचाने में उन्नाव के गंगाघाट शुक्लागंज निवासी संगीता रावत (40) को रोडवेज बस ने रौंद दिया। बस का पहिया उनकी सिर पर चढ़ गया था। संगीता के बड़े बेटे राहुल का आरोप है कि उसने बस चालक को रुकने का इशारा भी किया था, पर चालक ने बस नहीं रोकी और मां की जान चली गई। हुसैनगंज पुलिस ने सड़क हादसे में मौत के तहत केस दर्ज कर बस कब्जे में लेकर आरोपी चालक को हिरासत में ले लिया है।

संगीता के बड़े बेटे राहुल ने बताया कि मां कानपुर नगर निगम में हेड क्लर्क थीं। शनिवार को वह, मां, बहन जाह्नवी, छोटे भाई आदि और मामा शत्रुघ्न के साथ मौसी के घर जानकीपुरम के दसौली में गृह प्रवेश में शामिल होने आए थे। रविवार सुबह वह लोग उन्नाव जाने के लिए जानकीपुरम से निकल गए थे। सुबह करीब 10:15 बजे चारबाग रेलवे स्टेशन पहुंचे थे। राहुल ने बताया कि फुटओवर ब्रिज के नीचे बस पकड़ने के लिए उन्होंने बहन जाह्नवी के साथ सड़क पार कर ली थी। अचानक छोटा भाई आदि मां का हाथ छुड़ाकर सड़क पार करने लगा। इस बीच संगीता ने केकेसी की ओर से चारबाग डिपो की रोडवेज बस आती देखी।

बेटे तो बच गया पर संगीता की जान चली गई

राहुल का आरोप है कि भाई की तरफ आ रही रोडवेज बस को देख उन्होंने चालक को रुकने का इशारा किया, पर चालक ने बस नहीं रोकी। संगीता ने बेटे आदि को तो बस की चपेट में आने से बचा लिया, पर खुद बस के पिछल पहिये के नीचे आ गई। सिर पर पहिया चढ़ने से मौके पर ही उनकी मौत हो गई।

लोगों ने चालक को पकड़ा, पिटाई भी की

घटना के बाद बस चालक चालक उन्नाव के पुरवा मिश्रीकला निवासी मुकेश बस छोड़कर भागने लगा। आसपास के लोगों ने उसे पकड़ लिया और जमकर पीटना शुरू कर दिया। सूचना पर पहुंची हुसैनगंज पुलिस ने किसी तरह से उसे भीड़ से बचाया और थाने ले गई। पुलिस ने बस भी कब्जे में ले ली है।



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