
संगीत नाटक अकादमी के संत गाडगे प्रेक्षागृह में रविवार की शाम सावन के गीतों में यूं सराबोर हुई कि दर्शक मंत्रमुग्ध होकर लोकगायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी को दिल थामकर सुनते रहे। मनभावन सावन की थीम पर सजे मंच पर गीतों की बारिश ने श्रोताओं को तर-ब-तर कर दिया। एक के बाद एक प्रस्तुतियों के बीच बिना विराम लिए जिस तरह से मालिनी अवस्थी ने प्रस्तुतियां दीं, उसे दर्शक लंबे समय तक याद रखेंगे।
सोनचिरैया संस्था की ओर से आयोजित इस आयोजन का शुभारंभ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। घेरि घेरि आए बदरिया कारी… से मालिनी अवस्थी से शुरुआत की। इसके बाद सावन का नजारा है, ऐसे में आ जाओ सनम…, तुमको आने में तुमको बुलाने में कई सावन बरस गए साजना, अब के सावन घर आ जा…, घेरि घेरि आई सावन की बदरिया… और बादर आए हैं थोड़े थोड़े… जैसे गीतों से समां बांध दिया। सावन का महीना पवन करे सोर जियरा रे झूमे ऐसे जैसे बन मा नाचे मोर… गीत जब उन्होंने गाया तो दर्शक झूम उठे।