
इमरान मसूद
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कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन में होने के साथ ही प्लान-बी पर भी काम शुरू कर दिया है। सहारनपुर के पूर्व विधायक इमरान मसूद की वापसी हो गई है। अब पार्टी पूर्वांचल और पश्चिमी क्षेत्र के कई और अल्पसंख्यक नेताओं पर डोरे डाल रही है। यह प्लान प्रदेश का सियासी समीकरण बदल सकता है।
देश भर में विपक्षी एकता की दुहाई देकर कांग्रेस के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन तैयार हुआ है। इसमें राज्यवार सियासी स्थितियों के तहत सीटों के बंटवारे की बात कही जा रही है। वोटबैंक के लिहाज से यूपी कांग्रेस के लिए पूरी तरह से सूखा साबित हो रहा है। ऐसे में लोकसभा चुनाव के दौरान यहां की सियासी जमीं को कांग्रेसी खाद पानी देने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखना चाहते हैं। गठबंधन के बावजूद प्रदेश नेतृत्व सभी 80 सीटों पर चुनाव की तैयारी कर रहा है। इसमें 30 सीटें प्रथम श्रेणी में रखी गई हैं।
पार्टी प्लान-बी के तहत अल्पसंख्यक और दलितों को लामबंद करके अपनी सियासी गठरी भारी करना चाहती है। पार्टी के रणनीतिकारों के मुताबिक अगर इंडिया गठबंधन के तहत सीटों के बंटवारे को लेकर किसी तरह से बात बिगड़ती है तो प्लान-बी पर अमल होगा। इसके तहत प्रदेश के तमाम अल्पसंख्यक नेताओं से संपर्क साधा जा रहा है। गठबंधन में तस्वीर बदली तो सपा से टिकट कटने पर कई पुराने सपा नेताओं को कांग्रेस मैदान में उतार सकती है।
इसके लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खासतौर पर फोकस किया गया है। कांग्रेस के सांसद इमरान प्रतापगढ़ी की रामपुर-मुरादाबाद में सक्रियता भी इसी रणनीति का हिस्सा है। इसके अलावा आजमगढ़ और भदोही के अल्पसंख्यक नेता भी कांग्रेस के संपर्क में हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय का कहना है कि हर लोकसभा क्षेत्र में लोग उनके संपर्क में हैं। लेकिन पार्टी को ताकत देने वाले और निरंतर सक्रिय रहने वाले नेताओं को ही तवज्जो दी जा रही है।
इमरान के जरिये कई सीटों पर संदेश
इमरान मसूद की कांग्रेस में वापसी के जरिये कांग्रेस सहारनपुर के साथ ही मेरठ, कैराना, रामपुर, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद एवं अलीगढ़ में भी सियासी समीकरण साधने की तैयारी में है। इसका भी प्लान तैयार किया जा चुका है। इन सभी क्षेत्रों में सपा और बसपा के अल्पसंख्यक दावेदारों को वो अपने खेमे में करने के प्रयास में है।