Muzaffarnagar। विजयदशमी के अवसर पर मुजफ्फरनगर में धार्मिक आस्था और उत्साह का अद्भुत नजारा देखने को मिला। नुमाइश ग्राउंड, रामलीला टिल्ला और पटेल नगर में भव्य रामलीला मंचन हुआ, जिसमें रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के विशाल पुतलों का दहन किया गया।

रामलीला के मंचन में बुराई पर अच्छाई की विजय

देर शाम से ही लोग कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने लगे थे। जैसे ही रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले जलाए गए, पूरे वातावरण में आतिशबाजी की गूंज और प्रकाश ने माहौल को रामभक्ति में डूबो दिया। नुमाइश ग्राउंड की रामलीला में प्रमुख अतिथियों द्वारा पुतलों को अग्नि दी गई, और दर्शकों ने जोरदार जयकारे लगाए। विशाल दस सिरों वाला रावण का पुतला लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा।

रामलीला मंचन में भगवान राम की जीत का उत्सव

पटेल नगर और रामलीला टिल्ला में भी सजीव मंचन ने भक्तों का मन मोह लिया। भक्तों ने भगवान राम की जीत को अधर्म पर धर्म की विजय के रूप में मनाया। रामलीला आयोजकों ने बताया कि यह परंपरा न केवल धार्मिक आस्था से जुड़ी है, बल्कि समाज को यह संदेश भी देती है कि बुराई चाहे जितनी बड़ी क्यों न हो, अंत में पराजित हो जाती है।

सुरक्षा व्यवस्था में भी रही पुलिस प्रशासन की कड़ी मेहनत

इस दौरान स्थानीय पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह मुस्तैद रहा ताकि हजारों दर्शकों की भीड़ के बीच सुरक्षा व्यवस्था बनी रहे। भीड़ के बावजूद कार्यक्रम शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। पुलिस ने पूरे आयोजन के दौरान सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किया।

मेले की दुकानों ने बढ़ाया उत्सव का रंग

वहीं, रामलीला टिल्ला पर लगे मेले में विशेष आकर्षण देखा गया। मंचन से पहले, मैदान के बाहर खेल-खिलौनों, धार्मिक चाट, खिलौने और झूलों की दुकानों की लंबी कतारें सज गईं। बच्चों से लेकर बड़ों तक की भीड़ इन दुकानों पर उमड़ पड़ी। रंगीन चार्ट, गुब्बारे, धनुष-बाण, और विभिन्न झिलमिलाते खिलौनों की बिक्री खास आकर्षण का केंद्र रही।

स्थानीय व्यापारियों के लिए रामलीला मेले का विशेष महत्व

दुकानदारों ने बताया कि रामलीला के दौरान उनकी बिक्री दोगुनी हो जाती है, और यह छोटे व्यापारियों के लिए लाभकारी साबित होता है। रामायण के पात्रों से प्रेरित खिलौने और मुखौटे बच्चों के बीच बेहद लोकप्रिय थे। इसके अलावा, महिलाओं ने धार्मिक कैलेंडर और गृहसज्जा से जुड़ी छोटी वस्तुएं भी खरीदीं, जो इस मेले का हिस्सा बनीं।

रामलीला के जरिए स्थानीय समुदाय में बढ़ी एकजुटता

कार्यक्रम के दौरान सभी ने न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक वातावरण का आनंद लिया, बल्कि मेले जैसी रौनक ने भी दर्शकों को उत्साहित किया। छोटे बच्चों ने धनुष-बाण और हनुमान जी की गदा लेकर चाट का स्वाद लिया और मेले का भरपूर आनंद उठाया। स्थानीय लोग इसे हर साल की परंपरा मानते हैं, जो न केवल धार्मिक आस्था, बल्कि समुदाय के लिए एक मेलजोल और आनंद का अवसर बन चुकी है।

विजयदशमी का यह पर्व हमें यह संदेश देता है कि सत्य और धर्म हमेशा विजयी रहते हैं। रामलीला और रावण दहन के इस शानदार उत्सव ने मुजफ्फरनगर में एक बार फिर यह साबित कर दिया कि धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक परंपराएं हमारे समाज की ताकत हैं। यह आयोजन न केवल धार्मिक भावना को प्रगाढ़ करता है, बल्कि स्थानीय समुदाय के लिए आनंद और एकता का प्रतीक भी बनता है।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *