Azam in controversies: MPs, MLAs squandered their funds in Jauhar University

आयकर विभाग की छापेमारी के बाद घर निकलते आजम खां
– फोटो : संवाद

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समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री आजम खां के ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर विश्वविद्यालय के निर्माण में केवल सरकारी विभागों का बजट ही इस्तेमाल नहीं किया गया, बल्कि तत्कालीन सरकार के विधायकों ने नियमों को दरकिनार कर अपनी निधि की रकम बरसाने में कोई कसर बाकी नहीं रखी। मामला हाईकोर्ट में पहुंचा तो कड़ी फटकार पड़ने पर विधायक निधि की रकम वापस करनी पड़ी।

सूत्रों के मुताबिक जौहर विश्वविद्यालय में अवस्थापना संबंधी तमाम कार्यों के लिए दो दर्जन विधायकों ने अपनी निधि में से 10 लाख रुपये से लेकर 45 लाख रुपये तक दिए थे। वहीं आजम खां की पत्नी एवं तत्कालीन सांसद तजीन फात्मा ने अपनी सांसद निधि से तीन बार 22.39 लाख रुपये दिये थे। विधान परिषद सदस्य सरोजनी अग्रवाल ने विश्वविद्यालय के लॉ संकाय में मूट कोर्ट के निर्माण के लिए सर्वाधिक 45 लाख रुपये और विधानमंडल क्षेत्र विकास निधि योजना से तीन बार में 50 लाख रुपये दिये थे।

 वहीं अखिलेश यादव ने अपनी निधि से लॉ संकाय में शौचालय के निर्माण के लिए 20 लाख रुपये दिए थे। पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी ने लॉ संकाय में डीन व प्रिसिंपल कक्ष के निर्माण के लिए 10 लाख रुपये और विधानमंडल क्षेत्र विकास निधि योजना के तहत 10 लाख रुपये दिये थे। एमएलसी रहे बुक्कल नवाब ने भी अपनी निधि से 40 लाख रुपये दिए थे। इसी तरह बाकियों ने भी जौहर विश्वविद्यालय के विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए अपनी निधि दी थी। कई विधायकों ने दो बार अपनी विधायक निधि से पैसा दिया था। इससे मिले करीब 4.57 करोड़ रुपये से जौहर विश्वविद्यालय के तमाम निर्माण कार्य हुए थे।

इन विधायकों ने दी निधि

मधु गुप्ता – 30 लाख

बलराम यादव – 15 लाख

रमेश यादव – 20 लाख

राम सुंदर दास – 20 लाख

यशवंत सिंह – 10 लाख

विजय यादव – 20 लाख

अंबिका चौधरी – 15 लाख

अहमद हसन – 10 लाख

लीलावती कुशवाहा- 50 लाख

एसआरएस यादव – 25 लाख

अशोक बाजपेई – 25 लाख

राम सकल गुर्जर – 10 लाख

रामजतन राजभर – 10 लाख



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