Muzaffarnagar में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा आज विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान एवं दस्तक अभियान का उद्घाटन किया गया। यह कार्यक्रम नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती मीनाक्षी स्वरूप द्वारा नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सरवट में आरंभ किया गया। इस अवसर पर उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अभियानों की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि ये दोनों अभियान केवल स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि पूरे समाज का कर्तव्य है।

अभियान का उद्देश्य

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य संचारी रोगों के प्रभाव को कम करना और लोगों में जागरूकता फैलाना है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. महावीर सिंह फौजदार ने बताया कि यह अभियान 1 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक चलेगा। इसके अंतर्गत 11 से 31 अक्टूबर तक दस्तक अभियान भी चलाया जाएगा। आशा कार्यकत्रियां हर घर का भ्रमण कर संचारी रोगों से बचाव, उनके लक्षण एवं उपचार की जानकारी लोगों को देंगी।

संचारी रोगों का खतरा

भारत में संचारी रोगों की समस्या बढ़ती जा रही है, जिनमें डेंगू, मलेरिया, फाइलेरिया और दिमागी बुखार शामिल हैं। ये सभी रोग सामाजिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन चुके हैं। दस्तक अभियान का उद्देश्य है कि अधिक से अधिक रोगियों की पहचान की जाए और उन्हें समय पर उपचार दिया जा सके।

स्वास्थ्य विभाग की पहल

इस अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग ने सभी ब्लॉक स्तर पर प्रचार सामग्री वितरित की है। जिला मलेरिया अधिकारी अलका सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा संचारी रोगों पर नियंत्रण रखने के लिए स्वस्थ व्यवहार अपनाने की सलाह दी गई है। उन्होंने उल्लेख किया कि:

  1. घरों के आसपास सफाई रखनी चाहिए।
  2. मच्छरों से बचने के लिए पूरी बाहों के कपड़े पहनें।
  3. स्वच्छ पेयजल का उपयोग करें।
  4. जल भराव से बचें।
  5. कुपोषित बच्चों का विशेष ध्यान रखें।
  6. व्यक्तिगत सफाई का ध्यान रखें।

ये कुछ ऐसे महत्वपूर्ण कदम हैं, जिनका पालन करके हम संचारी रोगों से खुद को बचा सकते हैं।

जन जागरूकता के लिए प्रयास

श्रीमती मीनाक्षी स्वरूप ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों और नगर पालिका के कर्मचारियों को जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रचार वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके साथ ही, उन्होंने सभी से अपील की कि वे इस अभियान को सफल बनाने में अपना योगदान दें।

संभावित समस्याएं और समाधान

हालांकि, अभियान के दौरान कई चुनौतियाँ सामने आ सकती हैं। जैसे, जन जागरूकता की कमी, ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव, और आर्थिक कठिनाइयां। इन समस्याओं का समाधान निकालना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को स्थानीय संगठनों के साथ मिलकर कार्य करना होगा, ताकि लोगों को आवश्यक जानकारी और संसाधन उपलब्ध कराए जा सकें।

सामाजिक सहयोग का महत्व

संचारी रोग नियंत्रण अभियान में सामाजिक सहयोग अत्यंत आवश्यक है। समाज के सभी वर्गों, जैसे कि स्कूलों, कॉलेजों, और गैर-सरकारी संगठनों को इस अभियान में शामिल होने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। इसके लिए विभिन्न कार्यक्रमों और कार्यशालाओं का आयोजन किया जा सकता है, ताकि युवा पीढ़ी भी इस मुहिम का हिस्सा बन सके।

भविष्य की दिशा

विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान और दस्तक अभियान का सफल संचालन सुनिश्चित करने के लिए निरंतर निगरानी और मूल्यांकन आवश्यक है। इसके लिए सरकारी और निजी क्षेत्रों के सहयोग से एक स्थायी कार्यक्रम तैयार किया जा सकता है, जो लंबे समय तक संचारी रोगों के प्रभाव को कम करने में सहायक होगा।

अंत में, यह कहा जा सकता है कि विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान एवं दस्तक अभियान एक महत्वपूर्ण कदम है जो समाज में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ संचारी रोगों के प्रभाव को कम करने में सहायक होगा। हमें इस अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाते हुए एक स्वस्थ समाज की ओर बढ़ना होगा।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ महावीर सिंह फौजदार ने बताया कि जनपद में विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान 1 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक चलाया जाएगा इसके अंतर्गत 11 से 31 अक्टूबर तक दस्तक अभियान चलाया जाएगा , इन कार्यक्रमों के अंतर्गत आशा कार्यकत्री हर घर का भ्रमण कर संचारी रोगों से बचावघ्,इनके लक्षणों एवं उपचार सुविधाओं के प्रति लोगों को जागरूक करेंगी साथ ही डेंगू, फाइलेरिया, मलेरिया दिमागी बुखार ,क्षय रोग के लक्षणयुक्त रोगियों को खोज कर जांच एवं उपचार हेतु सूची बनाएंगी।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा बताया कि इन दोनों अभियानों की जन जागरूकता के लिए सभी ब्लॉक स्तर पर प्रचार प्रसार सामग्री वितरित कर दी गई है। जिला मलेरिया अधिकारी अलका सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा संचारी रोगों पर नियंत्रण रखने के लिएष् स्वस्थ व्यवहार अपनाना है संचारी रोगों को हराना है ष्नारा दिया गया है जिसके अंतर्गत घरों के आसपास साफ सफाई रखें, मच्छर से बचने के लिए पूरी बॉह के कपड़े पहने, स्वच्छ पेयजल पिए, आसपास जल का भराव होने न दे, कुपोषित बच्चों का विशेष ध्यान रखें और व्यक्तिगत साफ-सफाई का ध्यान रखें ये सात बातें ऐसी हैं अगर हम इनका ध्यान रखेंगे तो हम संचारी रोगों से अपना बचाव कर सकेंगे ।



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