इटावा। प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 12 सीटें वैश्य बाहुल्य हैं। आगामी लोकसभा चुनाव में अखिल भारतीय वैश्य एकता परिषद इन 12 सीटों पर समाज के लोगों को चुनाव लड़ाने की मांग करेगा। अभी वैश्य समाज के दो सांसद हैं। इसलिए वैश्य समाज की भागीदारी बढ़ानी है। इन्हीं सब बातों को लेकर 10 सितंबर को कानपुर में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय/ प्रांतीय पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण व वैश्य व्यापारी सम्मेलन में विशेष रूप से चर्चा की जाएगी।
यह बात अखिल भारतीय वैश्य एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.सुमंत गुप्ता ने रविवार को शहर में एक मैरिज हाल में पत्रकारों से बातचीत में कही। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री से मांग की जाएगी कि वैश्य उपवर्ग को पिछड़े वर्ग में शामिल किया जाए। प्रदेश में कलाल, कलवार और कलार जाति के प्रमाण पत्र बनाए जाएं, जो पहले बनाए जा चुके हैं, उन्हें निरस्त न किया जाए। इसे जिला प्रशासन ने ही जारी किया है।
कहा कि उनकी मांग है कि विधान परिषद में स्नातक और शिक्षकों की सीट की तरह कर दाताओं की सीट भी आरक्षित की जानी चाहिए। राष्ट्र के विकास में राजस्व के माध्यम से सर्वाधिक योगदान करने वाला वैश्य समाज है। वार्ता के दौरान व्यापारी नेता रामशरण गुप्ता, भाजपा नेता, कृष्ण मुरारी गुप्ता, विवेक रंजन गुप्ता, जितेंद्र जैन हैप्पी, विक्रम अग्रवाल आदि वैश्य समाज के नेता शामिल रहे।