मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar) – पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर पुलिस लाइन में कर्तव्य के पथ पर अपनी जान की आहुति देने वाले पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। यह श्रद्धांजलि समारोह हर साल 21 अक्टूबर को आयोजित किया जाता है, जिसमें पुलिस विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी अपने शहीद साथियों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हैं।
समारोह में उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपने-अपने कार्यों के प्रति समर्पण और साहस को सम्मानित करते हुए शहीदों के योगदान को सलाम किया। इस अवसर पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री संजय कुमार वर्मा ने शहीदों के अद्वितीय बलिदान को याद करते हुए उन्हें नमन किया। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि यह दिन हर भारतीय नागरिक के लिए गर्व और श्रद्धा का प्रतीक है, क्योंकि हमारे पुलिसकर्मी अपने प्राणों की आहुति देकर हमारी सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।
पुलिस स्मृति दिवस का ऐतिहासिक महत्व
पुलिस स्मृति दिवस की शुरुआत 21 अक्टूबर 1959 को हुई थी। उस दिन लद्दाख के हॉट-स्प्रिंग के पास स्थित भारत-तिब्बत बॉर्डर पर चीनी सैनिकों ने सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) के तीन अधिकारियों को पकड़ लिया था। जब सीआरपीएफ की टीमें अगले दिन उन अधिकारियों को बचाने के लिए गईं, तो घात लगाकर बैठे चीनी सैनिकों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की। इस हमले में 10 वीर सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए और सात अन्य घायल हुए। यह घटना भारतीय पुलिस बल के बलिदान और उनकी वीरता का प्रतीक बन गई। तभी से 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
इस दिन, पूरे देश में शहीद पुलिसकर्मियों की वीरता और बलिदान को सम्मानित किया जाता है। यही कारण है कि हर साल यह दिन पुलिसकर्मियों के लिए एक प्रेरणा बनकर उभरता है। इस अवसर पर, पुलिस विभाग के अधिकारी शहीदों के सम्मान में श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उनके बलिदान को सच्ची श्रद्धांजलि देते हैं।
मुजफ्फरनगर पुलिस लाइन में श्रद्धांजलि समारोह
मुजफ्फरनगर में पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर पुलिस लाइन में शहीद स्मारक पर एक भव्य श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। समारोह में जनपद के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने शहीदों को पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
समारोह में उपस्थित वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री संजय कुमार वर्मा ने कहा, “आज के दिन हम उन पुलिसकर्मियों को याद करते हैं, जिन्होंने अपनी जान की आहुति देकर हमारे लिए सुरक्षा का मार्ग प्रशस्त किया। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि हम जिस सुरक्षा की छांव में जीते हैं, वह कभी सस्ती नहीं रही।”
इसके साथ ही, उन्होंने शहीद पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के कर्तव्य पथ पर दिए गए योगदान को भी सराहा। श्री वर्मा ने यह भी कहा कि शहीदों की शहादत हमें हर दिन अपने कर्तव्यों को और अधिक निष्ठा और समर्पण से निभाने के लिए प्रेरित करती है।
पुलिसकर्मी: साहस और समर्पण का प्रतीक
भारत में पुलिसकर्मियों का कार्य अत्यंत चुनौतीपूर्ण और जोखिमपूर्ण होता है। उनकी जिम्मेदारी केवल कानून और व्यवस्था बनाए रखने तक सीमित नहीं है, बल्कि उन्हें कभी-कभी अपने प्राणों की आहुति भी देनी पड़ती है। ऐसे में, पुलिस स्मृति दिवस उनके बलिदान को याद करने का एक महत्त्वपूर्ण अवसर है।
पुलिस विभाग का काम केवल अपराधियों को पकड़ने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज की सुरक्षा के लिए किए गए कठिन प्रयासों का एक हिस्सा है। पुलिसकर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर हमारी सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। यह कार्य किसी भी अन्य पेशे से कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण और जोखिमपूर्ण होता है।
मुजफ्फरनगर पुलिस लाइन में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों ने इस बात को महसूस किया और एकजुट होकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
अधिकारियों ने शहीदों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की
पुलिस स्मृति दिवस के मौके पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने शहीदों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह बलिदान केवल पुलिस विभाग का ही नहीं, बल्कि पूरे समाज का है। पुलिसकर्मियों के परिवार भी इस कर्तव्य पथ पर अपने प्रियजनों के साथ जुड़ी हुई एक अटूट कड़ी की तरह खड़े रहते हैं।
श्री संजय कुमार वर्मा ने कहा, “हमारे शहीदों के परिवारों के बिना उनका कर्तव्य अधूरा है। शहीदों के परिवारों ने जो बलिदान दिया है, वह हमारी ताकत और प्रेरणा है।”
इस अवसर पर पुलिस विभाग के अधिकारियों ने शहीदों के परिवारों से मुलाकात की और उन्हें पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया।
पुलिस विभाग का लगातार साहसिक कार्य और भविष्य की दिशा
पुलिस स्मृति दिवस केवल शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने का दिन नहीं है, बल्कि यह दिन पुलिस विभाग के कार्यों को सही परिपेक्ष्य में समझने का भी है। भारत में पुलिस विभाग का कार्य अत्यधिक साहसिक होता है, और हर दिन पुलिसकर्मी किसी न किसी जोखिम का सामना करते हैं। चाहे वह आतंकवाद का मुकाबला हो, या अपराधियों के साथ मुठभेड़, या फिर प्राकृतिक आपदाओं में राहत कार्य, पुलिसकर्मी हर स्थिति में अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं।
आने वाले समय में, पुलिस विभाग की कार्यशैली में तकनीकी प्रगति और स्मार्ट पुलिसिंग की दिशा में सुधार की आवश्यकता है। पुलिसकर्मियों को आधुनिक तकनीक और प्रशिक्षण से लैस करना जरूरी है ताकि वे और भी बेहतर तरीके से अपने कर्तव्यों का पालन कर सकें।
आज के दिन यह संकल्प लिया जाता है कि पुलिस विभाग अपने शहीदों के बलिदान से प्रेरणा लेते हुए, समाज की सेवा में और भी बेहतर कार्य करेगा।
पुलिस स्मृति दिवस पर मुजफ्फरनगर पुलिस द्वारा दी गई श्रद्धांजलि ने शहीदों के योगदान को याद किया और हमें उनकी वीरता और बलिदान के प्रति अपनी जिम्मेदारी का अहसास कराया।