Muzaffarnagar/सिखेडा: एक बार फिर पुलिस की तत्परता ने एक बड़ी चोरी का पर्दाफाश किया है, जिसमें चार शातिर चोरों को गिरफ्तार किया गया। यह घटना सिखेडा क्षेत्र के गंगनहर पटरी स्थित काटका पुल के पास हुई थी, जहाँ तीन से चार अज्ञात चोरों ने पाला पुत्र बदलेव निवासी ग्राम नंगला मुबारिक से तीन बकरियों को चुरा लिया था। चोरों ने चोरी की गई बकरियों को ईको कार में भरकर फरार हो गए थे। इस घटना की रिपोर्ट पशु स्वामी ने पुलिस को दी, जिसके बाद थाना सिखेडा पुलिस ने सीओ नई मंडी रूपाली राव के नेतृत्व में कड़ी कार्रवाई करते हुए मामले का पर्दाफाश किया।
एक महीना पहले हुई बकरी चोरी का खुलासा
यह घटना 1 अप्रैल 2025 को घटित हुई थी, जब चोरों ने अंधेरे का फायदा उठाते हुए तीन बकरियों को चुरा लिया था। पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अपनी तफ्तीश शुरू की। इस दौरान सिखेडा पुलिस के अधिकारियों ने घटनास्थल पर साक्ष्यों का विश्लेषण किया और आसपास के इलाकों में चौकसी बढ़ा दी। पशु मालिक ने चोरी की बकरियों के बारे में पुलिस को जानकारी दी, जिसके बाद इस केस की जांच की गति तेज हुई।
पुलिस की सख्ती से हुई गिरफ्तारी
पुलिस ने मामले में गहनता से पूछताछ शुरू की और कड़ी मेहनत से चारों चोरों को पकड़ने में सफलता प्राप्त की। आरोपियों की पहचान शाकिब अंसारी, आसिफ कुरैशी, अलतमश कुरैशी और एक अन्य के रूप में हुई। ये सभी आरोपी चरथावल क्षेत्र के निवासी हैं। पुलिस ने जब इनसे पूछताछ की, तो पता चला कि इन्होंने चोरी की बकरियों को बेचकर 23,850 रुपये की रकम अर्जित की थी।
पुलिस ने इस मामले में चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया और उनके कब्जे से एक ईको कार, नाजायज असलहा और चोरी में प्रयुक्त अन्य उपकरण बरामद किए। इस सफलता पर पुलिस ने राहत की सांस ली, क्योंकि बकरी चोरी जैसे छोटे अपराध को भी बड़े पैमाने पर अंजाम दिया गया था।
कैसे चुराई गईं बकरियाँ
घटना की गहराई से पड़ताल करने पर पुलिस को पता चला कि इन आरोपियों ने योजना बनाकर चोरी की योजना बनाई थी। चोरों ने बकरियों को चुराने के लिए पहले इलाके की रेकी की और फिर रात के अंधेरे में अपना काम किया। बकरियाँ चुराने के बाद आरोपियों ने उन्हें ईको कार में लादकर आसानी से फरार हो गए। यह चोरों का बड़ा नेटवर्क था जो पहले भी ऐसी कई वारदातों को अंजाम दे चुका था।
पुलिस कार्रवाई में टीम की अहम भूमिका
इस मामले में पुलिस के प्रमुख अधिकारियों ने अहम भूमिका निभाई। पुलिस टीम का नेतृत्व कर रहे प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार सिंह, उप निरीक्षक नेमपाल सिंह, है.का. प्रमोद कुमार, और का. हरिओम सिंह ने बहुत मेहनत की। इन अधिकारियों ने मामले की जांच करते हुए आरोपियों को पकड़ने में सफलता प्राप्त की। साथ ही पुलिस टीम ने इस मामले में 23,850 रुपये और नाजायज असलहे को जब्त किया।
स्थानीय पुलिस की भूमिका और महत्वपूर्ण जानकारी
इस सफलता के पीछे थाना सिखेडा पुलिस की मेहनत और सख्ती का बड़ा हाथ है। सीओ नई मंडी रूपाली राव के निर्देशन में पुलिस ने यह खुलासा किया और अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया। पुलिस की इस कार्यवाही से न केवल चोरी का पर्दाफाश हुआ, बल्कि लोगों के बीच में यह संदेश भी गया कि पुलिस किसी भी अपराध को हल्के में नहीं लेती और अपराधियों को सजा दिलवाने के लिए हमेशा तत्पर रहती है।
स्थानीय लोगों में पुलिस की छवि
पुलिस की इस कार्रवाई के बाद क्षेत्र में स्थानीय लोगों में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ा है। लोग अब खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं क्योंकि उन्हें यकीन है कि पुलिस उनकी सुरक्षा के लिए हर समय तत्पर है। इस मामले को सुलझाने के बाद पुलिस ने एक चेतावनी दी है कि अब कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार के अपराध को अंजाम देने की कोशिश करेगा, तो उसे किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।
अपराधियों का बड़ा नेटवर्क
शातिर चोरों का यह गिरोह केवल बकरी चोरी तक ही सीमित नहीं था। जांच में यह भी सामने आया कि यह गिरोह पहले भी कई बार ऐसी घटनाओं को अंजाम दे चुका था। इन चोरों के खिलाफ और भी मामले सामने आने की संभावना है, और पुलिस इस पर लगातार निगरानी बनाए रखेगी। ऐसा माना जा रहा है कि यह गिरोह और भी अपराधों में संलिप्त हो सकता है।
पुलिस की सक्रियता और भविष्य की रणनीतियाँ
पुलिस विभाग अब इस मामले में और भी गहराई से जांच करेगा, ताकि आरोपियों के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके। साथ ही, पुलिस विभाग की योजना है कि वह भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा इंतजामों को और सख्त करेगा। इसके लिए स्थानीय पुलिस, सीसीटीवी कैमरे और गश्त बढ़ाने जैसे उपाय किए जाएंगे, ताकि इस प्रकार के अपराधों को रोका जा सके।
इस मामले के खुलासे ने पुलिस विभाग की सख्ती और कार्यक्षमता को एक बार फिर साबित किया है। वहीं, इस प्रकार के घटनाओं के कारण ग्रामीण इलाकों में सुरक्षा को लेकर सवाल उठते हैं, लेकिन पुलिस की तत्परता ने यह सिद्ध कर दिया कि अगर पुलिस और समाज का सहयोग हो, तो अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया जा सकता है।