
अयोध्या के इशरत जमाल।
– फोटो : amar ujala
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चंद्रयान-3 के चंद्रमा की सतह पर सफल लैंडिंग से आज पूरे विश्व में भारत का डंका बज रहा है। इस सफलता में रामनगरी में जन्मे इशरत जमाल का भी योगदान है। चंद्रयान-3 के मुख्य घटक अल्टीमीटर सेंसर के लिए इलेक्ट्रॉनिक पावर कंडीशनर वैज्ञानिक इशरत जमाल की लैब ने डिजाइन किया है। यह बात इशरत ने खुद अमर उजाला से बातचीत में कही।
इशरत जमाल ने बताया कि उनका जन्म 1993 में फैजाबाद में हुआ था। धारा रोड पर उनका आवास है। उन्होंने 2007 में फैजाबाद पब्लिक स्कूल से हाईस्कूल पास किया। 2009 में सीनियर सेकेंडरी स्कूल सर्टिफिकेट (बॉयज स्कूल), एएमयू से इंटरमीडिएट की शिक्षा पूरी की। इसके बाद इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। 2013 में भारत के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से और 2015 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (आईआईटीके) से पावर कंट्रोल में मास्टर डिग्री हासिल की।
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इशरत ने बताया कि 2015 में जनरल इलेक्ट्रिक (जीई), बंगलूरू में इलेक्ट्रिक ड्राइव टीम में एक इंजीनियर/टेक्नोलॉजिस्ट के रूप में काम करना शुरू किया। 2017 में उन्हें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (एसएसी) में वैज्ञानिक/इंजीनियर के पद के लिए चुना गया था। वह वर्तमान में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (एसएसी) गुजरात में माइक्रोवेब रिमोट सेंसिंग एरिया (एमआरएसए) की इलेक्ट्रॉनिक पावर कंडीशनर (ईपीसी) लैब में वैज्ञानिक/इंजीनियर के रूप में कार्यरत हैं।
इलेक्ट्रॉनिक पावर कंडीशनर की भूमिका अहम
इशरत ने बताया कि लैब रेडियो फ्रीक्वेंसी (आरएफ) और विभिन्न माइक्रोवेव रिमोट सेंसिंग पेलोड के डिजिटल सब सिस्टम के लिए अंतरिक्ष योग्य इलेक्ट्रॉनिक पावर कंडीशनर (ईपीसी) के डिजाइन और विकास के लिए जिम्मेदार है। बताया कि चंद्रयान-2 और 3 में उनकी लैब ने अल्टीमीटर के आरएफ और डिजिटल सबसिस्टम के लिए इलेक्ट्रॉनिक पावर कंडीशनर को डिजाइन किया था। बताया कि अल्टीमीटर सेंसर चंद्रयान-3 का एक महत्वपूर्ण घटक है और इसका उपयोग चंद्रमा की सतह से लैंडर की ऊंचाई मापने के लिए किया गया था। ऐसे में इलेक्ट्रॉनिक पावर कंडीशनर की भूमिका अहम हो जाती है।