Muzaffarnagar। शहर में बंदरों और आवारा कुत्तों द्वारा उत्पात मचाने की घटनाओं को लेकर नगर पालिका ने बड़ा कदम उठाया है। पालिका ने बंदरों को पकड़वाने के लिए 10 लाख रुपये का बजट प्रस्ताव तैयार किया है और आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए दो डॉग कैचर वैन खरीदी जाएंगी। यह प्रस्ताव 13 अक्तूबर को होने वाली बोर्ड बैठक में रखा जाएगा, जिसे मंजूरी मिलने के बाद कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
बंदरों और कुत्तों का उत्पात
शहर में बंदरों की बढ़ती संख्या के कारण लोग परेशान हो गए हैं। गांधी कॉलोनी, नई मंडी, सर्राफा बाजार जैसे प्रमुख इलाकों में बंदर अक्सर उत्पात मचाते हैं। इन बंदरों के कारण आम लोग खासे परेशान हैं, खासकर महिलाएं और बच्चे, जिन्हें बंदरों के डर के कारण बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। इसके अलावा, आवारा कुत्तों द्वारा भी लोगों पर हमले की घटनाएं बढ़ गई हैं। हाल ही में कुत्तों ने कुछ लोगों को काटा, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई है।
पालिका की तैयारी और प्रस्ताव
इन समस्याओं से निपटने के लिए नगर पालिका ने त्वरित कार्रवाई के तहत एक बजट प्रस्ताव तैयार किया है। बंदरों को पकड़ने के लिए नगर पालिका ने 10 लाख रुपये का बजट निर्धारित किया है। इसके तहत शहर में करीब 1000 उत्पाती बंदरों को पकड़ा जाएगा। इसके अलावा, आवारा कुत्तों की समस्या को हल करने के लिए दो डॉग कैचर वैन खरीदी जाएंगी। इन वैन के जरिए आवारा कुत्तों को आसानी से पकड़ा जा सकेगा। इसके लिए नगर पालिका ने 19.97 लाख रुपये का बजट प्रस्ताव तैयार किया है।
डॉग शेल्टर होम का निर्माण
आवारा कुत्तों के बढ़ते खतरे को देखते हुए पालिका ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। वहलना क्षेत्र में डॉग शेल्टर होम बनाने का प्रस्ताव है, जहां पकड़े गए आवारा कुत्तों को रखा जाएगा। यह शेल्टर होम मीरापुर क्षेत्र के 100 वर्ग मीटर भूमि में बनाया जाएगा, और इसके निर्माण पर 6.5 लाख रुपये का खर्च आएगा।
ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने बताया कि शेल्टर होम का निर्माण स्वीकृत होने के बाद शुरू किया जाएगा, जिससे कुत्तों की संख्या पर नियंत्रण पाया जा सकेगा और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन
सुप्रीम कोर्ट द्वारा आवारा कुत्तों को पकड़ने और उनके संरक्षण के संबंध में हाल ही में दिए गए आदेशों के बाद नगर पालिका ने इस दिशा में अपनी योजना को और तेज कर दिया है। इन कुत्तों को पकड़कर डॉग शेल्टर होम में रखा जाएगा और उनके लिए स्वास्थ्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।
नगर पालिका के प्रयासों से होगी स्थिति में सुधार
नगर पालिका द्वारा उठाए गए इन कदमों से यह स्पष्ट हो रहा है कि प्रशासन शहर में बंदरों और कुत्तों की बढ़ती संख्या से निपटने के लिए पूरी तरह से गंभीर है। यदि इन प्रस्तावों को बोर्ड बैठक में स्वीकृति मिलती है, तो जल्दी ही इन समस्याओं का समाधान हो सकता है, जिससे शहरवासी राहत महसूस करेंगे।
नगर पालिका के इस कदम से न केवल शहर की सफाई व्यवस्था में सुधार होगा, बल्कि लोगों को सुरक्षा भी मिलेगी, खासकर बच्चों और बुजुर्गों को, जो अक्सर इन उत्पाती जीवों का शिकार बनते हैं।
मुजफ्फरनगर में बंदरों और आवारा कुत्तों के उत्पात से निपटने के लिए नगर पालिका के उठाए गए कदम से शहरवासी जल्द राहत महसूस करेंगे।