शुकतीर्थ। (Muzaffarnagar News)उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के तहसील जानसठ क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध धार्मिक स्थल शुक्रतीर्थ में चल रहा सफाई अभियान अब चर्चा का विषय बन चुका है। यह सफाई अभियान स्थानीय प्रशासन, साधु-संतों, और विभिन्न सामाजिक संगठनों की भागीदारी से चलाया जा रहा है। खास बात यह है कि यह अभियान केवल एक दिन का नहीं, बल्कि निरंतर रविवार को होने वाला एक अभियान बन चुका है, जो इस क्षेत्र की स्वच्छता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है।

शुक्रतीर्थ में सफाई अभियान की शुरुआत
शुक्रतीर्थ क्षेत्र में सफाई अभियान की शुरुआत जिलाधिकारी उमेश मिश्रा के नेतृत्व में की गई। उनका उद्देश्य था कि इस धार्मिक स्थल को न सिर्फ स्वच्छ रखा जाए, बल्कि श्रद्धालुओं को एक साफ और स्वस्थ वातावरण प्रदान किया जाए। जिलाधिकारी के निर्देशों के बाद, उपजिलाधिकारी जयेंद्र सिंह के मार्गदर्शन में तहसीलदार सतीश चंद बघेल ने भी अपनी पूरी टीम के साथ इस अभियान को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।

सभी स्थानीय अधिकारियों और ग्राम प्रधानों के सहयोग से यह अभियान स्थायी रूप से चलाया जा रहा है। शुक्रतीर्थ के गंगा घाट पर सफाई का कार्य गंगा समिति के पदाधिकारियों, गांव के प्रधानों और आसपास के क्षेत्रवासियों के साथ मिलकर किया जा रहा है। खासकर साधु महात्माओं का भी इस सफाई अभियान में अहम योगदान है, जो हमेशा इस क्षेत्र की स्वच्छता के प्रति जागरूक रहते हैं।

जन सहभागिता से सफाई अभियान को मिली सफलता
शुक्रतीर्थ क्षेत्र में सफाई अभियान को लेकर क्षेत्रवासियों में उत्साह है। सभी लोग इस अभियान में बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं, जिससे स्वच्छता अभियान में सफलता मिल रही है। खासकर गंगा घाट पर सफाई की स्थिति को लेकर श्रद्धालु संतुष्ट हैं, और उनका कहना है कि सफाई अभियान से श्रद्धालुओं का आना-जाना बहुत सुविधाजनक हो गया है।

उपजिलाधिकारी जयेंद्र सिंह ने क्षेत्र के सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस सफाई अभियान को निरंतर जारी रखा जाए और प्रत्येक रविवार को तय स्थानों पर सफाई का काम समय से किया जाए। उनका कहना है कि किसी भी परिस्थिति में इस कार्य में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। सभी अधिकारी अपनी जिम्मेदारी का निर्वाहन सुनिश्चित करेंगे, ताकि यह अभियान सफलतापूर्वक चलता रहे।

सामाजिक संगठनों का सहयोग
इस सफाई अभियान में केवल सरकारी अधिकारी ही नहीं, बल्कि विभिन्न सामाजिक संगठन भी सक्रिय रूप से शामिल हो रहे हैं। स्थानीय गांवों के लोग और स्वयंसेवी संगठन भी अपनी पूरी ताकत के साथ सफाई कार्य में जुटे हुए हैं। इस अभियान में उनका योगदान बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि उनके सहयोग से ही यह अभियान एक मिशन का रूप ले चुका है।

गंगा घाट के आसपास के इलाके में बिछे कूड़े, प्लास्टिक की बोतलें, कागज और अन्य अपशिष्ट सामग्री को एकत्र कर नष्ट किया जा रहा है। यह सफाई अभियान न सिर्फ स्वच्छता के लिए, बल्कि पर्यावरण की रक्षा के लिए भी किया जा रहा है।

स्थानीय लोगों की भागीदारी और प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों का मानना है कि इस सफाई अभियान से उनके क्षेत्र की छवि और भी बेहतर हो रही है। उनका कहना है कि जब तक इस तरह के अभियान नहीं चलेंगे, तब तक क्षेत्र में स्वच्छता बनी नहीं रह सकती। इस पहल ने न केवल क्षेत्रवासियों में जागरूकता बढ़ाई है, बल्कि उन्हें अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ बनाए रखने के लिए प्रेरित किया है।

साधु महात्माओं का कहना है कि गंगा घाट और आसपास के क्षेत्र में सफाई की स्थिति बेहतर होने से उन्हें अपनी साधना में कोई विघ्न नहीं पड़ता। अब श्रद्धालु भी अधिक संख्या में यहां आकर पूजा अर्चना करते हैं, और यह सफाई अभियान उनके लिए भी एक आशीर्वाद साबित हो रहा है।

गंगा की स्वच्छता अभियान: पर्यावरण की दिशा में एक कदम
गंगा नदी को भारत की जीवनदायिनी नदी माना जाता है। इसके किनारे स्थित धार्मिक स्थलों की स्वच्छता का महत्व न केवल श्रद्धालुओं के लिए है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी महत्वपूर्ण है। गंगा घाट की सफाई से जल और जलधारा की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है। यह अभियान न केवल गंगा के किनारे की सफाई को सुनिश्चित कर रहा है, बल्कि गंगा के पानी की शुद्धता को भी बनाए रखने में मदद कर रहा है।

गंगा घाट पर सफाई करने से न केवल पर्यावरण की रक्षा होती है, बल्कि यह जल जीवन के महत्व को भी रेखांकित करता है। यह अभियान समाज के प्रत्येक वर्ग को गंगा के महत्व और उसकी स्वच्छता के प्रति जागरूक करने का एक बेहतरीन प्रयास है।

अधिकारियों की निगरानी और भविष्य की योजनाएं
इस सफाई अभियान को पूरी तरह से सफल बनाने के लिए अधिकारियों ने भी अपनी निगरानी मजबूत कर दी है। उपजिलाधिकारी जयेंद्र सिंह ने सभी संबंधित अधिकारियों से कहा है कि सफाई कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जाएगी। इसके अलावा, वह इस अभियान को और भी प्रभावी बनाने के लिए नई योजनाएं बनाने की सोच रहे हैं।

गंगा घाट के आसपास जल निकासी, पार्किंग, और अन्य अवसंरचनाओं को सुधारने की योजना भी बनाई जा रही है ताकि श्रद्धालुओं को और भी बेहतर सुविधाएं मिल सकें। अधिकारियों का मानना है कि इस सफाई अभियान से न केवल क्षेत्र की स्वच्छता में सुधार होगा, बल्कि यह मुजफ्फरनगर जिले को एक पर्यावरणीय रूप से साफ और स्वस्थ स्थान के रूप में प्रतिष्ठित करेगा।

सफाई अभियान का भविष्य
यह सफाई अभियान केवल एक सामाजिक पहल नहीं, बल्कि एक पर्यावरणीय मिशन बन चुका है। आने वाले समय में इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए नए उपायों को अपनाया जाएगा। इसके साथ ही, गंगा की सफाई और उसके संरक्षण के लिए भी और कई अभियान चलाए जाएंगे, ताकि न केवल आज, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी गंगा घाट स्वच्छ और शुद्ध रहे।

इस तरह के अभियान की सफलता से यह साबित होता है कि जब सरकार, स्थानीय संगठन और समाज एक साथ मिलकर काम करते हैं, तो बड़े बदलाव संभव हैं। शुक्रतीर्थ में सफाई अभियान एक मिसाल बन चुका है, जो न सिर्फ मुजफ्फरनगर बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए प्रेरणा का स्रोत बन रहा है।

 



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