Muzaffarnagar में 7 दिसंबर को शुकतीर्थ (शुकताल) के हनुमत धाम में आयोजित होने जा रहे Sanatan Dharm Sansad को लेकर तैयारियों में तेजी है और इसी बीच इस आयोजन को बड़ा धार्मिक समर्थन मिला है।
हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ में आज योग गुरु बाबा रामदेव से मुलाकात करने पहुंचे हिंदू संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल ने इस कार्यक्रम की रूपरेखा और उद्देश्य उनके समक्ष रखे।
प्रतिनिधिमंडल ने मंच से इस आयोजन से संबंधित जानकारी दी, जो 196 देशों में प्रसारित की गई। इस व्यापक प्रसारण ने 7 दिसंबर को होने वाली सभा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी नई पहचान दिलाई है।
बाबा रामदेव ने न केवल प्रसन्नता जताई बल्कि कार्यक्रम के बैनर को सार्वजनिक रूप से प्रसारित करते हुए यह भी कहा—
“मैं Sanatan Dharm Sansad, शुकतीर्थ (शुकताल), मुज़फ्फरनगर—7 दिसंबर का समर्थन करता हूँ।”
उनके इस समर्थन से आयोजन को धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक आयामों पर और मजबूती मिली है।
प्रतिनिधि मंडल से विशेष मुलाकात—बाबा रामदेव ने रुद्राक्ष माला पहनाकर किया स्वागत
पतंजलि योगपीठ में आज जिन सदस्यों ने बाबा रामदेव से भेंट की, उनमें प्रमुख रूप से शामिल थे—
सत्य प्रकाश रेशु अग्रवाल, नरेंद्र पंवार, अरुण प्रताप सिंह, मनोज पाटिल, नवनीत मिश्रा, जोगेंद्र हुड्डा
बाबा रामदेव ने पूरी टीम का रुद्राक्ष की माला पहनाकर गर्मजोशी से स्वागत किया, जो उनकी आध्यात्मिक परंपरा और आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है।
उन्होंने कहा कि यह आयोजन केवल एक सभा नहीं, बल्कि देशभर के संतों, किसानों, मजदूरों, उद्यमियों, पत्रकारों, कलाकारों और कार्यकर्ताओं को एक मंच पर लाने का बड़ा प्रयास है।
उनके अनुसार—
“जो लोग Sanatan Dharm Sansad में पहुँचेगे, वे इस राष्ट्र की आध्यात्मिक रीढ़ को और मजबूत करेंगे।”
Sanatan Dharm Sansad की महत्ता पर बाबा रामदेव का बड़ा बयान—“सनातन ही इस देश की धुरी”
बाबा रामदेव ने मंच से कहा कि सनातन धर्म इस राष्ट्र की धुरी है, और इसी आधार पर यह देश सदियों से सांस्कृतिक रूप से जीवित और सशक्त बना हुआ है।
उन्होंने यह भी कहा कि—
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युवाओं के नेतृत्व में इतने बड़े आयोजन का होना अत्यंत प्रेरणादायक है
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हिंदू संघर्ष समिति ने शुकतीर्थ में 7 दिसंबर को महत्वपूर्ण ऐतिहासिक आयोजन की तैयारी की है
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लगभग 10,000 लोगों के आने की संभावना है
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ऐसे आयोजन पूरे राष्ट्र को एकजुट करने का काम करते हैं
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यह देश के “आन-बान-शान और तिरंगे की पहचान” को वैश्विक मंच पर मजबूत बनाते हैं
बाबा रामदेव ने कहा—
“मैं दिल से प्रार्थना करता हूँ कि यह आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हो और देशभर में ऐसे कार्यक्रम निरंतर आयोजित होते रहें।”
उनके संदेश ने सनातन धर्म संसद के महत्व को दोहराया और युवाओं की भागीदारी को राष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य से जोड़ा।
196 देशों में कार्यक्रम की जानकारी प्रसारित—अंतरराष्ट्रीय मंच पर बढ़ी पहचान
हिंदू संघर्ष समिति द्वारा प्रस्तुत विवरण के अनुसार, बाबा रामदेव समेत आध्यात्मिक मंच से कार्यक्रम का संदेश 196 देशों में प्रसारित किया गया।
यह पहली बार है जब शुकतीर्थ में किसी आयोजन को इतना व्यापक वैश्विक प्रसारण मिला है।
इससे न केवल स्थानीय जनता में उत्साह बढ़ा है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस संसद के प्रति रुचि देखने को मिली है।
यह प्रसारण बताता है कि सनातन परंपरा और धार्मिक सभाओं का वैश्विक प्रभाव अब पहले से कहीं अधिक व्यापक हो चुका है।
शुकतीर्थ का आध्यात्मिक महत्व—जहाँ पौराणिक काल में महर्षि शुकदेवजी ने भागवत कथा का उपदेश दिया था—इस कार्यक्रम को और अधिक ऐतिहासिक बना देता है।
7 दिसंबर को हनुमत धाम बनेगा आध्यात्मिक केंद्र—सनातनियों से बाबा रामदेव की विशेष अपील
बाबा रामदेव ने पूरे विश्वास के साथ कहा कि हिंदू संघर्ष समिति द्वारा आयोजित यह संगठित प्रयास देशभर को एक संदेश देगा कि—
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सनातन धर्म समाज का आधार है
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धर्म संसदें सामाजिक एकता और अध्यात्मिक जागरण को बढ़ावा देती हैं
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युवा पीढ़ी के नेतृत्व से राष्ट्र की दिशा सकारात्मक होती है
उन्होंने सारे सनातनियों से 7 दिसंबर को शुकतीर्थ स्थित हनुमत धाम पहुँचने का आवाहन किया और इसे धर्म जागरण का अवसर बताया।
उनका कहना था—
“यह आयोजन देश को चैमुखी विकास के नए आयामों की ओर ले जाएगा और सनातन अध्यात्म की लौ को और प्रज्वलित करेगा।”
मुज़फ्फरनगर और आसपास के क्षेत्रों में बढ़ा उत्साह—तैयारियों में तेजी
धर्म संसद के लिए तैयारी में—
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आयोजन स्थल पर अलग-अलग समितियाँ सक्रिय हैं
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व्यवस्था, सुरक्षा, यातायात, भोजन और आवास की तैयारी अंतिम चरण में है
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शुकतीर्थ की धर्मनगरी में धार्मिक वातावरण खासा प्रबल हो चुका है
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आसपास के गांवों और शहरों से भी भारी संख्या में लोग पहुंचने की तैयारी में हैं
स्थानीय साधु-संत और सामाजिक संगठन भी बड़े स्तर पर इस आयोजन को सफल बनाने में जुटे हुए हैं।
शुकतीर्थ में होने वाली Sanatan Dharm Sansad को योग गुरु बाबा रामदेव का समर्थन इस आयोजन की धार्मिक और सामाजिक प्रतिष्ठा को और ऊँचाई देता है। 7 दिसंबर को हनुमत धाम में प्रस्तावित यह कार्यक्रम न केवल हजारों भक्तों के जुटान का केंद्र बनेगा, बल्कि सनातन संस्कृति की एकता, प्रेरणा और जागरूकता को भी शक्ति देगा। बाबा रामदेव की अपील के बाद अब जिले और प्रदेशभर से बड़ी संख्या में लोग इस ऐतिहासिक आयोजन का हिस्सा बनने की तैयारी कर रहे हैं।
