उत्तर प्रदेश के Muzaffarnagar जिले में आयोजित एक ऐतिहासिक कार्यक्रम ने स्वदेशी आंदोलन को नई ऊर्जा प्रदान की। व्यापारी सुरक्षा फोरम द्वारा आयोजित “स्वदेशी का सम्मान, विदेशी का बहिष्कार” कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने स्पष्ट कहा कि स्वदेशी का नारा सबसे पहले श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कश्मीर मुद्दे के विरोध में दिया था, और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस स्वदेशी मंत्र को आत्मनिर्भर भारत के रूप में साकार करने में जुटे हैं।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी से नरेंद्र मोदी तक: स्वदेशी आंदोलन का पुनर्जागरण
श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान दिवस व्यापारी समुदाय के लिए एक चेतना का पर्व बन गया। मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने अपने भाषण में कहा कि स्वदेशी केवल एक नारा नहीं, बल्कि एक मिशन है। उन्होंने महात्मा गांधी के विचारों को याद दिलाते हुए कहा कि गांधी जी ने पूंजीपतियों से अपील की थी कि वे विदेशों में अपने बच्चों की शादियां न करें और देशी उत्पादों को प्राथमिकता दें।
व्यापारी सुरक्षा फोरम के इस आयोजन में व्यापारियों को शपथ दिलाई गई कि वे विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करेंगे और स्वदेशी उत्पादों को अपनाएंगे।
मेक इन इंडिया और मेड इन इंडिया: भारत की आर्थिक आज़ादी की ओर
कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय संयोजक अशोक गोयल ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए बताया कि आज जब देश “मेक इन इंडिया” और “मेड इन इंडिया” की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, तब स्वदेशी का महत्व और भी बढ़ गया है। उन्होंने यह भी कहा कि यह सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि राष्ट्रीय अस्मिता का विषय है।
“स्वदेशी अपनाओ, विदेशी भगाओ” के इस मंत्र को आज देश भर में आंदोलन के रूप में पुनर्जीवित किया जा रहा है। इससे न केवल देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि लाखों बेरोजगारों को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे।
व्यापारियों की मांगें: सरकार से समर्थन और सुविधा की दरकार
इस मौके पर व्यापारी अनिल जैन ने सरकार से आग्रह किया कि बेरोजगारों के लिए ट्रेनिंग सेंटर खोले जाएं, जिससे वे स्वदेशी उत्पादन में भागीदार बन सकें। वहीं व्यापारी प्रमोद मित्तल ने स्पष्ट रूप से कहा कि शराब, गुटखा, आयकर और GST से सरकार को भारी राजस्व मिलता है, लेकिन अब समय आ गया है कि राजस्व का बड़ा हिस्सा स्वदेशी उत्पादों से आए।
उन्होंने व्यापारियों से अपील की कि वे विदेशी सामान के उपयोग को त्यागें और देश की अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने में सहयोग दें।
विरासत की रक्षा और मानसिकता में बदलाव: विजय गर्ग की अपील
कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित पूर्व आईजी विजय गर्ग, जो कि कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं, ने कहा कि व्यापारी वर्ग को अपनी संस्कृति और विरासत की रक्षा करनी होगी। उन्होंने कहा कि विदेशी मानसिकता को त्यागकर हमें अपने स्वदेशी मूल्यों की ओर लौटना चाहिए।
विजय गर्ग ने यह भी जोर दिया कि व्यापारी सिर्फ मुनाफा न सोचें, बल्कि राष्ट्र के निर्माण में नैतिक जिम्मेदारी निभाएं।
बड़ी संख्या में व्यापारी, नेता और समाजसेवी हुए शामिल
कार्यक्रम में सहारनपुर से आए नरेश धीमान, पूर्व विधायक सुशील अग्रवाल, रिंकू त्यागी, श्रीमोहन तायल, पूर्व विधायक अशोक कंसल, रेडीमेड कपड़ों के व्यापारी अरुण सपरा सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने अपने विचार साझा किए। इन सभी वक्ताओं ने एक ही बात पर जोर दिया – स्वदेशी को अपनाना ही देश सेवा है।
व्यापारी सुरक्षा फोरम बना व्यापारी समाज की नई शक्ति
इस आयोजन का संचालन जिला अध्यक्ष विश्वदीप गोयल ने किया, जबकि जिला महामंत्री राजकुमार रहेजा ने मंच से जिले की गतिविधियों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि व्यापारी सुरक्षा फोरम अन्य संगठनों की तुलना में तेजी से प्रगति कर रहा है और व्यापारी हितों की रक्षा के लिए सतत प्रयासरत है।
कार्यक्रम में सभासद राहुल पंवार, व्यापारी मनोज गुप्ता, संजय गोयल, हर्षित गर्ग एडवोकेट, संजय मित्तल, अमित धीमान, नगर पालिका परिषद मार्केट के पदाधिकारी भानु अरोड़ा, वीरेंद्र अरोड़ा चश्मे वाले सहित सैकड़ों व्यापारी मौजूद रहे।
व्यापारी कल्याण निगम की स्थापना और राज्यसभा में व्यापारियों का प्रतिनिधित्व जरूरी
कार्यक्रम में यह मांग भी प्रमुखता से उठी कि उत्तर प्रदेश सरकार को व्यापारी कल्याण निगम की स्थापना करनी चाहिए, जिससे व्यापारियों की समस्याओं का त्वरित समाधान हो सके। साथ ही, राज्यसभा में कम से कम पांच व्यापारियों को नामित किया जाए, ताकि वे उच्च स्तर पर व्यापारी समुदाय की आवाज उठा सकें।
यह मांग अब आंदोलन का रूप ले रही है और यदि सरकार शीघ्र इस पर विचार नहीं करती, तो व्यापारी वर्ग राज्यभर में आंदोलन छेड़ने को मजबूर हो सकता है।
मुजफ्फरनगर में आयोजित **व्यापारी सुरक्षा फोरम** का यह आयोजन सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि **स्वदेशी आंदोलन के नवजागरण का प्रतीक** बन चुका है। मंत्री कपिल देव अग्रवाल के नेतृत्व और प्रेरणा से व्यापारी समाज एकजुट हो रहा है और देश की आर्थिक आज़ादी की ओर मजबूती से कदम बढ़ा रहा है। अब वक्त है कि हम सभी मिलकर “**स्वदेशी अपनाओ, देश बचाओ**” के नारे को घर-घर पहुंचाएं और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अपना योगदान दें।