Muzaffarnagar भगवान श्री खाटू श्याम के जन्मोत्सव की धूम 9 नवम्बर से 13 नवम्बर तक भरतिया कालोनी स्थित श्री गणपति खाटू श्याम मंदिर में मचने वाली है। इस खास मौके पर मंदिर में धार्मिक आयोजनों की एक लम्बी श्रृंखला का आयोजन किया जाएगा, जिसमें भव्य शोभायात्रा, कीर्तन, भंडारा, और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल हैं। इस बार के जन्मोत्सव में श्रद्धालुओं और भक्तों की भारी संख्या की उम्मीद जताई जा रही है, क्योंकि खाटू श्याम के प्रति आस्था और भक्ति में दिन-ब-दिन इज़ाफा हो रहा है।

श्री खाटू श्याम जन्मोत्सव की शुरुआत

9 नवम्बर को सुबह 10 बजे से श्री खाटू श्याम जी के जन्मोत्सव की शुरुआत होगी। इस दिन मंदिर से एक भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी, जो भरतिया कालोनी स्थित श्री गणपति खाटू श्याम मंदिर से शुरू होगी। शोभायात्रा के मार्ग में कई प्रमुख स्थानों पर श्रद्धालुओं का जोश और आस्था देखने को मिलेगा। यह शोभायात्रा पूरे मंडी क्षेत्र की परिक्रमा करते हुए शहर के प्रमुख बाजारों से होकर वापस गांधी कालोनी पुल के पास स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर पहुंचेगी। इसके बाद यात्रा वापस मंदिर तक जाएगी। यात्रा में पांच बैण्ड, ढोल, और दस आकर्षक झांकियां शामिल होंगी, जो इस आयोजन को और भी भव्य बना देंगी।

रथ यात्रा में श्रद्धालुओं का उत्साह

शोभायात्रा के दौरान बाबा श्याम का रथ श्रद्धालुओं द्वारा खींचा जाएगा, जिसमें उनके चेहरे पर उल्लास और भक्ति की झलक साफ देखी जा सकेगी। शहर के विभिन्न हिस्सों को रंगीन झंडों और तोरणों से सजाया जाएगा, ताकि हर जगह एक अलग ही उत्सव का माहौल बने। भक्तगण इस आयोजन में अपनी पूरी श्रद्धा से भाग लेंगे, जो इस अवसर को और भी खास बना देंगे।

धार्मिक आयोजनों की श्रृंखला

10 नवम्बर को शाम 7 बजे से मंदिर परिसर में “मेंहदी महोत्सव” का आयोजन किया जाएगा, जिसमें महिलाएं अपनी मेहंदी की कला दिखाएंगी और श्री खाटू श्याम के प्रति अपनी भक्ति व्यक्त करेंगी। 11 नवम्बर को शाम 7 बजे मंदिर में “निशान वितरण” होगा, जहां श्रद्धालु विशेष धार्मिक निशान प्राप्त करेंगे और उनका पूजन किया जाएगा।

12 नवम्बर को प्रातः 9 बजे से एकादशी निशान यात्रा शुरू होगी, जो श्री खाटू श्याम मंदिर तक पहुंचेगी। यह यात्रा बहुत ही धार्मिक और उल्लासपूर्ण होगी, जिसमें भक्तगण पूरे श्रद्धा भाव से भाग लेंगे। उसी दिन शाम को एक भव्य कीर्तन का आयोजन किया जाएगा, जिसमें देश भर से आए कलाकार प्रभु का गुणगान करेंगे। यह कीर्तन श्रद्धालुओं को खाटू श्याम के भव्य रूप में ध्यान केंद्रित करने का अवसर देगा।

13 नवम्बर को बधाई उत्सव और भव्य भंडारा

13 नवम्बर को रात 7 बजे से “बधाई उत्सव” का आयोजन किया जाएगा, जो इस भव्य उत्सव का समापन करेगा। बधाई उत्सव के बाद विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा, जहां श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण करेंगे और एक-दूसरे को शुभकामनाएं देंगे। यह भंडारा शहरभर के भक्तों के लिए एक बहुत बड़ा आस्था का प्रतीक बनेगा। सभी श्रद्धालु इस अवसर का लाभ उठाकर बाबा श्याम के आशीर्वाद को प्राप्त करेंगे।

मंदिर समिति और आयोजन के सदस्य

मंदिर समिति और आयोजन के लिए जिम्मेदार लोगों ने इस बार के जन्मोत्सव को बेहद शानदार बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं। मंदिर के चेयरमैन, समाजसेवी भीमसैन कंसल और अध्यक्ष अशोक गर्ग ने प्रेसवार्ता में यह जानकारी दी कि इस बार का जन्मोत्सव विशेष रूप से भक्तों के लिए आयोजित किया जा रहा है, ताकि हर कोई श्री खाटू श्याम के दर्शन और भक्ति के साथ इस आयोजन का हिस्सा बन सके।

प्रेसवार्ता में अनिल गोयल, कैलाशचन्द ज्ञानी, चाचा जे.पी.गोयल, सोमप्रकाश कुच्छल, अम्बरीश सिंघल, बिजेन्द्र कुमार रानो, विकास अग्रवाल, विनोद राठी, प्रतीक कंसल, नीरज गोयल, अमित गुप्ता, अमित गोयल, अंकित अग्रवाल, रजत गोयल, नवीन अग्रवाल, शशांक राणा, शुभम तायल, रजत राठी, सभासद नवनीत गुप्ता, यश गर्ग, तुषार गर्ग सहित मंदिर परिवार के कई सदस्य मौजूद रहे। इन सभी की मेहनत और समर्पण से यह आयोजन और भी यादगार बन जाएगा।

खाटू श्याम मंदिर का महत्व

श्री खाटू श्याम का मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आस्था और भक्ति का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है। भक्तों का मानना है कि यहां आने से उनकी सारी दुखों और परेशानियों का समाधान होता है, और भगवान श्री खाटू श्याम उन्हें आशीर्वाद देते हैं। इस मंदिर का इतिहास भी काफी पुराना है और इस स्थान पर भगवान खाटू श्याम का वास माना जाता है, जो भक्तों के हर कष्ट को दूर करने में सक्षम हैं।

खाटू श्याम जी के प्रति श्रद्धा

खाटू श्याम जी के प्रति श्रद्धा का स्तर बढ़ते ही जा रहा है, और हर वर्ष इस आयोजन में लाखों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। यह एक ऐसा अवसर होता है जब लोग अपने कामकाजी जीवन से कुछ समय निकालकर इस पवित्र स्थल पर पहुंचते हैं, ताकि वे अपनी आस्था और भक्ति को भगवान खाटू श्याम के चरणों में समर्पित कर सकें। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य श्रद्धालुओं को एकजुट करना और उन्हें धार्मिक रूप से जागरूक करना है।

आखिरकार, यह जन्मोत्सव न केवल धार्मिक महत्व का है, बल्कि सामाजिक एकता और भाईचारे का भी प्रतीक है। हर व्यक्ति इस खास अवसर पर बाबा श्याम से आशीर्वाद प्राप्त करने की इच्छा रखता है, और यह आयोजन सभी को एक साथ जोड़ने का शानदार तरीका है।



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