श्री राम कॉलेज Muzaffarnagar के व्यवसाय व प्रबंधन विभाग द्वारा आयोजित वाद-विवाद प्रतियोगिता ने छात्रों के बीच एक दिलचस्प और विचारपूर्ण चर्चा का माहौल तैयार किया। इस प्रतियोगिता का विषय था “त्यौहार उत्सव से अधिक व्यापारीकरण”, जो आज के समाज में एक गंभीर विषय बन चुका है।

प्रतियोगिता का शुभारंभ माँ शारदे के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ किया गया, और इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को सामाजिक, सांस्कृतिक और समकालीन मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त करने का एक मंच प्रदान करना था। कार्यक्रम में विभिन्न छात्र-छात्राओं ने भाग लिया, जिनमें से कुछ ने इस विषय के पक्ष में और कुछ ने विपक्ष में अपने सशक्त तर्क रखे।

प्रतियोगिता के दौरान पक्ष और विपक्ष के तर्क

प्रतियोगिता के पक्ष में बोलते हुए छात्रों ने कहा कि त्यौहार अब सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप से कम और बाजार केन्द्रित अधिक हो गए हैं। उन्होंने तर्क दिया कि उपहारों की ब्रांडिंग, सोशल मीडिया प्रचार और छूट ऑफरों का मूल उद्देश्य त्यौहारों की पारंपरिक भावना को पीछे छोड़ रहा है। इसके बजाय अब त्यौहार एक व्यवसाय का रूप ले चुके हैं, जहां बाजार और वाणिज्य का प्रभाव ज्यादा दिखाई देता है।

वहीं दूसरी ओर विपक्ष में बोलते हुए छात्रों ने यह तर्क रखा कि त्यौहारों के माध्यम से स्थानीय व्यापार, हस्तशिल्प और घरेलू उद्योगों को बल मिलता है, जिससे आर्थिक सशक्तिकरण संभव होता है। उन्होंने कहा कि त्यौहार सिर्फ सामाजिक आनंद का अवसर नहीं होते, बल्कि इनसे जुड़ी विभिन्न गतिविधियाँ छोटे व्यवसायों और समुदायों को भी आगे बढ़ने का मौका देती हैं।

निर्णायक मंडल की सराहना और परिणाम की घोषणा

प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में प्रबंधन संकाय की प्रवक्ता डॉ0 चित्रा श्रीवास्तव और वाणिज्य संकाय के प्रवक्ता डॉ0 अनिरूद्ध कुमार रहे, जिन्होंने प्रतियोगिता में भाग ले रहे छात्र-छात्राओं के विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण और प्रस्तुति शैली की सराहना की।

निर्णायक मंडल ने प्रतियोगिता के परिणामों की घोषणा की, जिसमें प्रथम पुरस्कार बी.बी.ए. तृतीय वर्ष की छात्रा प्राची चैधरी को, द्वितीय पुरस्कार बी.बी.ए. प्रथम वर्ष की छात्रा अवनी त्यागी को और तृतीय पुरस्कार बी.बी.ए. तृतीय वर्ष की छात्रा मान्या गर्ग को दिया गया। संत्वना पुरस्कार बी.बी.ए. प्रथम वर्ष की छात्रा वंशिका कुमारी को प्रदान किया गया।

समारोह का समापन और छात्रों को प्रोत्साहन

इस अवसर पर श्रीराम कॉलेज की प्राचार्या डॉ0 प्रेरणा मित्तल ने कार्यक्रम के समापन पर सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र और स्मृति चिन्ह वितरित किए। उन्होंने कहा, “आज के युवाओं का दृष्टिकोण गम्भीर और विचारोत्तेजक है। इस तरह के आयोजन न केवल बौद्धिक विकास को बढ़ावा देते हैं बल्कि सामाजिक जागरूकता को भी प्रोत्साहित करते हैं।”

उपप्राचार्य डॉ0 सौरभ मित्तल, अतिथि डॉ0 पंकज कुमार और विभागाध्यक्ष डॉ0 विवेक कुमार त्यागी ने भी छात्र-छात्राओं को इस कार्यक्रम में प्रतिभाग करने पर बधाई दी और कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताएं न केवल चिंतन को जागृत करती हैं, बल्कि हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि हम अपनी परंपराओं और संस्कृति से कितना जुड़े हुए हैं।

कार्यक्रम का संचालन और छात्रों का योगदान

कार्यक्रम का सफल संचालन प्रबंधन संकाय के प्रवक्ता डॉ0 अतुल वर्मा ने किया। उन्होंने छात्र-छात्राओं को समझाया कि त्यौहार सिर्फ तिथियाँ नहीं होतीं, बल्कि ये संस्कृति की धड़कन होते हैं। लेकिन जब इनका स्वरूप बाजार की चमक-धमक में खोने लगता है, तब ऐसे मंचों की आवश्यकता और बढ़ जाती है, जहां युवा वर्ग इस बदलाव पर सोच सकें।

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रवक्ता हिमांशु वर्मा, शिवानी शर्मा, पूनम शर्मा, नवीन कुमार, अंकुश रावल, नीशू वर्मा, अर्चित कात्यायन, कपिल कुमार, ममता मित्तल, सागर शुक्ला, मोनिका, तनु त्यागी, जेबा ताहिर, जतिन सिंघल, स्वाति तायल और अन्य सभी छात्रों का सहयोग रहा।


यह कार्यक्रम युवाओं को न केवल अपने विचार व्यक्त करने का मंच प्रदान करता है, बल्कि यह सामाजिक जागरूकता को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण कदम है। इस तरह के आयोजनों से युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति और परंपराओं से जुड़ने का मौका मिलता है।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *