चंदौसी थाना रजपुरा क्षेत्र में वर्ष 2018 में सामूहिक दुष्कर्म कर महिला को जिंदा फूंकने के मामले में न्यायालय ने चार लोगों को दोषी करार दिया है। बाल अपचारी की पत्रावली अलग चल रही है। 19 दिसंबर को सजा सुनाई जाएगी। दोष सिद्ध होने पर चारों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया है।

रजपुरा क्षेत्र के एक गांव निवासी ग्रामीण ने पुलिस को दी तहरीर में कहा था कि वह मजदूरी करने गाजियाबाद गया था। घर पर पत्नी व सात वर्षीय पुत्री थी। परिवार के अन्य सदस्य उसके घर से 500 मीटर की दूरी पर रहते हैं। 13 जुलाई 2018 की रात करीब ढाई बजे आराम सिंह, महावीर, गुल्लू, भोना उर्फ कुमरपाल और एक नाबालिग घर में घुस आए और पत्नी से दुष्कर्म किया।

आरोपियों के जाने के बाद पीड़िता ने अपने ममेरे भाई को कॉल कर घटना की जानकारी दी। जब तक लोग मदद को आते, उससे पहले ही आरोपी फिर से पहुंच गए और पत्नी को घर से 20 मीटर की दूरी पर स्थित मंदिर की झोपड़ी में ले गए। उसमें बंद करके जिंदा फूंक दिया।

परिवार के लोग मौके पर पहुंचे तो घर पर सात वर्षीय पुत्री सो रही थी और महिला नहीं थी। आसपास देखा तो मंदिर की झोपड़ी में आग लग रही थी। पुलिस ने दुष्कर्म समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था।

मुकदमे की सुनवाई विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट)/अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अवधेश कुमार सिंह के न्यायालय में चल रही है। इससे पूर्व इस मामले का विचारण फास्ट टैक कोर्ट संभल में भी हुआ था।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि न्यायालय ने अभियुक्त आराम सिंह, भोना उर्फ कुमरपाल, गुल्लू उर्फ जयवीर व महावीर को धारा 147, 148, 376डी, 302, 149, 201, 34 आईपीसी के अंतर्गत दोषी करार दिया है।



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