Muzaffarnagar जनपद के चरथावल थाना क्षेत्र में एक बार फिर जर्जर सड़क और प्रशासनिक लापरवाही ने बड़ा संकट खड़ा कर दिया। Biralsi road accident के तहत ग्राम बिरालसी में पराली से भरी दो ट्रैक्टर-ट्रॉलियां सड़क पर पलट गईं, जिससे चरथावल–थानभवन मार्ग पर लंबा जाम लग गया।
यह हादसा रोनी हाजीपुर बस स्टैंड के पास हुआ, जहां सड़क की हालत पहले से ही बदहाल बताई जा रही है। दुर्घटना के बाद अफरा-तफरी मच गई और दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।
जलभराव और गड्ढों ने छीना नियंत्रण, पलट गईं ट्रॉलियां
स्थानीय लोगों के अनुसार, सड़क पर भारी जलभराव और गहरे गड्ढों के कारण ट्रैक्टर चालक वाहन पर नियंत्रण नहीं रख पाए।
पराली से भरी ट्रॉलियां वजन में भारी थीं और जैसे ही वे जलभराव वाले हिस्से से गुजरीं, ट्रैक्टर असंतुलित होकर सड़क पर पलट गए। गनीमत यह रही कि हादसे के समय कोई बड़ा वाहन आमने-सामने नहीं आया, अन्यथा बड़ा जानलेवा हादसा हो सकता था।
Biralsi road accident ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर कब तक ग्रामीण सड़कें ऐसे हादसों को न्योता देती रहेंगी।
लोक निर्माण विभाग की अधूरी योजना बनी हादसे की वजह
स्थानीय ग्रामीणों ने इस हादसे के लिए सीधे तौर पर लोक निर्माण विभाग (PWD) को जिम्मेदार ठहराया है।
ग्रामीणों का कहना है कि कुछ समय पहले विभाग द्वारा सड़क के बीचो-बीच नाले का निर्माण कराया गया था, लेकिन—
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पानी की निकासी की कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई
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नाला बनने के बाद सड़क की ऊंचाई और ढलान संतुलित नहीं की गई
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दोनों ओर पानी भरने लगा, जिससे गहरे गड्ढे बन गए
परिणामस्वरूप यह मार्ग बारिश के बाद तालाब जैसा नजर आता है। Biralsi road accident उसी लापरवाही का नतीजा बताया जा रहा है।
भारी वाहनों के लिए बना ‘खतरनाक ज़ोन’
चरथावल–थानभवन मार्ग से रोजाना—
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ट्रैक्टर-ट्रॉलियां
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गन्ना और पराली से लदे वाहन
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बसें और मालवाहक ट्रक
गुजरते हैं। जलभराव और गड्ढों के कारण भारी वाहनों को मोड़ लेना या अचानक ब्रेक लगाना पड़ता है, जिससे हादसे की आशंका बनी रहती है।
ग्रामीणों का कहना है कि इससे पहले भी इसी स्थान पर कई वाहन फंस चुके हैं और दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं।
बस स्टैंड बना जलभराव का केंद्र, निकासी व्यवस्था फेल
रोनी हाजीपुर बस स्टैंड के पास पानी निकासी के लिए नाला बनाया गया था, लेकिन यह नाला सिर्फ कागजों में ही कारगर साबित हुआ।
स्थानीय लोगों का कहना है कि—
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नाले की सफाई नियमित नहीं होती
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पानी सड़क पर ही जमा रहता है
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कीचड़ और गड्ढे मिलकर सड़क को बेहद खतरनाक बना देते हैं
बस स्टैंड पर यात्रियों और राहगीरों को रोजाना परेशानी झेलनी पड़ती है। Biralsi road accident ने इस समस्या को फिर उजागर कर दिया है।
पुलिस मौके पर पहुंची, यातायात बहाल करने में लगे घंटों
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को हटवाने का प्रयास शुरू किया।
पराली से भरी ट्रॉलियों को हटाने में काफी समय लगा, जिसके चलते सड़क पर लंबा जाम लगा रहा।
स्कूल जाने वाले बच्चे, दफ्तर जाने वाले कर्मचारी और किसान सभी को घंटों इंतजार करना पड़ा।
पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से धीरे-धीरे यातायात को सामान्य कराया, लेकिन तब तक लोगों में आक्रोश फैल चुका था।
प्रशासनिक चुप्पी पर भड़के ग्रामीण
लगातार हो रही दुर्घटनाओं के बावजूद पीडब्ल्यूडी विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों की चुप्पी को लेकर ग्रामीणों में गहरा रोष है।
लोगों का कहना है कि—
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शिकायतें कई बार की जा चुकी हैं
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मौके का निरीक्षण केवल औपचारिकता बनकर रह गया है
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स्थायी समाधान की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द सड़क की मरम्मत और जलनिकासी की व्यवस्था नहीं की गई, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
ग्रामीण सड़कें और बढ़ता खतरा, बड़ा सवाल
Biralsi road accident सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि ग्रामीण सड़कों की बदहाल स्थिति की तस्वीर है।
खेती-किसानी पर निर्भर क्षेत्र में जब परिवहन मार्ग ही असुरक्षित हों, तो न केवल आर्थिक नुकसान होता है बल्कि जान का खतरा भी बना रहता है।
स्थानीय जनता अब प्रशासन से केवल आश्वासन नहीं, बल्कि ठोस और स्थायी समाधान चाहती है।
चरथावल थाना क्षेत्र के बिरालसी में हुआ यह हादसा एक बार फिर यह साबित करता है कि जर्जर सड़कें और जलभराव मिलकर किसी भी समय बड़ा खतरा बन सकते हैं। पराली से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों का पलटना प्रशासन के लिए चेतावनी है कि यदि समय रहते सड़क की मरम्मत और जलनिकासी की व्यवस्था नहीं की गई, तो भविष्य में इससे भी गंभीर घटनाएं हो सकती हैं। ग्रामीणों की निगाहें अब प्रशासन की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।
