मुरादाबाद में दर्ज 600 करोड़ से ज्यादा की जीएसटी चोरी के नौ मामलों समेत प्रदेश के 45 जिलों के 147 केसों की जांच की निगरानी के लिए राज्यस्तर पर पांच आईपीएस अफसरों की एसआईटी गठित की गई है। डीजीपी ने आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) के आईजी सुनील मेनुएल को इसका मुखिया बनाया है।
राज्यस्तरीय एसआईटी ने शनिवार को 45 जिलों की एसआईटी के साथ ऑनलाइन बैठक कर एक सप्ताह में केसों से संबंधित दस्तावेज जुटाने के निर्देश दिए हैं। अब इस मामले में जिले स्तर की एसआईटी लखनऊ की एसआईटी के निर्देशन में ही कार्रवाई करेगी। मुरादाबाद के अलग-अलग थानों में जीएसटी चोरी के नाै मुकदमे दर्ज हैं।
इसमें 600 करोड़ से अधिक की टैक्स चोरी की बात सामने आई है। शासन स्तर पर इन केसों की समीक्षा की गई तो सामने आया कि यूपी के 45 जिलों में 147 केस दर्ज हो चुके हैं। इनमें करोड़ों रुपये की जीएसटी चोरी की जांच एसआईटी कर रही है।
अलग-अलग जिलों में बनाई गईं एसआईटी की निगरानी के लिए डीजीपी राजीव कृष्ण ने आईपीएस अफसरों की राज्यस्तरीय एसआईटी का गठन किया है। राज्यस्तर पर बनी एसआईटी की कमान आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्लयू) के आईजी सुनील मेनुएल को सौंपी गई है।
इसमें आईपीएस सुशील घुले चंद्रभान, अविनाश पांडेय, बबिता सिंह और प्रेम कुमार शुक्ला को टीम में शामिल किया गया है। शनिवार को लखनऊ में गठित की गई एसआईटी ने अलग-अलग जिलों की एसआईटी के साथ ऑनलाइन मीटिंग की। एक-एक केस पर बात की और अब तक की जांच के बारे में जानकारी जुटाई।
करीब ढाई घंटे चली बैठक में अफसरों ने टीमों के सदस्यों को बताया कि एक सप्ताह में सभी केसों से संबंधित दस्तावेज जुटा लें। इसके बाद आगे की रणनीति बनाई जाएगी। साथ ही कहा कि वह जांच के दौरान किसी को गिरफ्तार करने, हिरासत में लेकर पूछताछ करने और चार्जशीट लगाने से पहले चर्चा करेंगे। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
