मुजफ्फरनगर समेत पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सामाजिक सुधार का एक नया दौर शुरू हो गया है। दहेज प्रथा जैसी कुरीति के खिलाफ अब सिर्फ आवाज़ नहीं उठ रही, बल्कि युवाओं द्वारा इसे खारिज करने का साहसिक कदम समाज में नई मिसाल बन रहा है। इस सकारात्मक परिवर्तन को देखते हुए सर्वखाप पंचायत ने बड़ा निर्णय लिया है—दहेज लेने से इनकार करने वाले युवाओं को सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया जाएगा।

बालियान खाप के मुखिया और भाकियू (टिकैत) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत (Naresh Tikait) ने इस बदलाव को सामाजिक क्रांति की शुरुआत माना है।


युवाओं की जागरूकता को सलाम—नरेश टिकैत की घोषणा ने बढ़ाया उत्साह

दिल्ली–देहरादून हाईवे पर एसआर एनर्जी फ्यूलिंग द्वारा नायरा पेट्रोल पंप के उद्घाटन कार्यक्रम में मीडिया से बातचीत करते हुए नरेश टिकैत ने साफ कहा—
“दहेज जैसी कुप्रथा के खिलाफ युवाओं में जागरूकता बढ़ना समाज के लिए सौभाग्य की बात है। जिन युवाओं ने लाखों रुपये लौटाकर उदाहरण पेश किया है, वे समाज की नई दिशा तय कर रहे हैं।”

उन्होंने बताया कि—

  • हाल ही में कई युवाओं ने विवाह के समय मिलने वाले लाखों रुपये तक के दहेज को लौटाया

  • कई युवाओं ने केवल प्रतीकात्मक राशि लेकर विवाह सम्पन्न किए

  • इससे समाज में सकारात्मक संदेश गया है

यह बदलाव न सिर्फ खाप पंचायत को बल्कि पूरे पश्चिमी यूपी को नई उम्मीद देता है।


सर्वजातीय सर्वखाप पंचायत का असर—युवाओं में तेजी से बदलता नजरिया

नरेश टिकैत ने बताया कि हाल ही में आयोजित सर्वजातीय सर्वखाप पंचायत में दहेज, नशाखोरी और फिजूलखर्ची के खिलाफ एकजुट अपील की गई थी।
इस अपील का असर अब जमीन पर दिखने लगा है।
पंचायत ने युवाओं से कहा था—

  • दहेज प्रथा का बहिष्कार करें

  • नशे से दूरी बनाएँ

  • दिखावे और फिजूलखर्ची को छोड़ें

आज कई युवाओं ने इस अपील को व्यवहार में उतारकर स्पष्ट कर दिया कि सामाजिक सुधार के प्रयास सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।


खाप पंचायत की नई योजना—दहेज छोड़ने वाले युवाओं की सूची तैयार, बड़े सम्मान समारोह की तैयारी

पंचायत ने उन युवाओं की सूची तैयार करना शुरू कर दिया है जिन्होंने—

  • विवाह में किसी भी प्रकार का दहेज लेने से इनकार किया

  • परिवारों को दहेज न देने पर मजबूर नहीं किया

  • समाज में साफ संदेश दिया कि विवाह लेन-देन का माध्यम नहीं है

अब पंचायत इन सभी युवाओं का एक भव्य सम्मान समारोह आयोजित करने जा रही है।
इस कार्यक्रम को सामाजिक परिवर्तन के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है।

इसके साथ ही, जिला प्रशासन को भी समाज सुधार के योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा।


दहेज प्रथा पर रोक लगेगी—फिजूलखर्ची और नशाखोरी पर भी लगेगा अंकुश

टिकैत ने कहा कि यह पहल सिर्फ दहेज को कम नहीं करेगी, बल्कि—

जैसी अन्य कुरीतियों को भी कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

उन्होंने यह भी कहा कि—
“दहेज की मांग न करना सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि नैतिक सुधार भी है। यह आने वाली पीढ़ियों को बेहतर समाज देने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।”


मुजफ्फरनगर और आसपास के जिलों में बढ़ रही जागरूकता—एक नई सामाजिक क्रांति की शुरुआत

मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर, बागपत और मेरठ जैसे जिलों में यह जागरूकता तेजी से फैल रही है।
युवाओं द्वारा शुरू किया गया यह आंदोलन अब जनआंदोलन का रूप लेने लगा है।

लोगों का मानना है कि—

एक ऐसे समाज का निर्माण कर सकती है जहां रिश्ते लेन-देन पर नहीं, आपसी सम्मान और संस्कारों पर आधारित हों।

विशेषज्ञों का भी कहना है कि यह पहल आने वाले समय में पश्चिमी यूपी में एक नई सामाजिक क्रांति का आधार बन सकती है।


dowry rejection movement को सर्वखाप पंचायत का यह मजबूत समर्थन युवाओं का हौसला बढ़ा रहा है। दहेज न लेने वाले युवाओं का सम्मान समारोह न केवल समाज में नई प्रेरणा जगाएगा, बल्कि पश्चिमी यूपी को दहेज, नशाखोरी और फिजूलखर्ची जैसी कुरीतियों से मुक्त करने की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा। आने वाले वर्षों में यह आंदोलन सामाजिक सुधार की एक नई लहर बन सकता है।



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