मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar): शहर में एक और सनसनीखेज घटना ने लोगों को हैरान कर दिया है। संदिग्ध परिस्थितियों में विवाहिता श्रुति (27 वर्ष) की मौत के बाद उसके परिजनों ने ससुराल पक्ष पर गंभीर आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। मामला सामने आते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपितों के खिलाफ जांच शुरू की और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की।
मृतका श्रुति का हदसे से पहले जीवन
मृतका श्रुति की पहचान ज्वालापुर हरिद्वार (Jwalapur Haridwar) निवासी के रूप में हुई है। परिवार के मुताबिक, श्रुति का विवाह दो साल पहले मुजफ्फरनगर के कोर्ट रोड क्षेत्र निवासी मुकुल से हुआ था। शादी के कुछ समय बाद ही घर में झगड़े की खबरें आने लगीं थीं। जानकारी मिली है कि रात को श्रुति को अचानक से गंभीर हालत में शहर के एक नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था। हालांकि, अस्पताल में भर्ती करने के कुछ ही घंटों में श्रुति की मौत हो गई।
इस घटना से श्रुति के परिवार के सदस्य पूरी तरह से गहरे सदमे में थे। जैसे ही श्रुति की मौत की सूचना मिली, उसके परिजनों ने तुरंत हरिद्वार से मुजफ्फरनगर का रुख किया। मुजफ्फरनगर पहुंचते ही मृतका के परिजनों ने कचहरी गेट के पास जमकर हंगामा किया और मृतका के पति मुकुल, ससुर और अन्य ससुरालियों पर आरोप लगाया कि उन्होंने श्रुति को जहरीला पदार्थ खिलाकर उसकी हत्या की है।
परिजनों का आरोप और हंगामा
हंगामे की सूचना मिलने के बाद, पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंच गया। सीओ सिटी व्योम बिन्दल और इंस्पेक्टर आशुतोष कुमार ने मय फोर्स के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जांच शुरू की। उन्होंने आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का आश्वासन देते हुए परिजनों को शांत कराया। हालांकि, इस घटनाक्रम से आसपास के इलाके में दहशत का माहौल था।
श्रुति के परिजनों ने पुलिस को बताया कि उन्हें शक है कि उनकी बेटी को ससुराल वालों ने जानबूझकर जहरीला पदार्थ दिया, जिसके कारण उसकी मौत हो गई। यह आरोप और हंगामा उस वक्त और बढ़ गया, जब मृतका के छोटे बच्चे को देखकर परिवार के सदस्य और स्थानीय लोग और भी गुस्से में आ गए। मृतका का एक साल का बेटा मां के लिए बिलख रहा था। इस दृश्य ने पूरे इलाके को गमगीन कर दिया और शवयात्रा के दौरान लोग अपनी आंखों में आंसू लिए हुए थे।
पुलिस की कार्यवाही और जांच की दिशा
मृतका के परिवार की तरफ से लगाए गए आरोपों के बाद पुलिस ने इस मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस संदिग्ध मौत के पीछे गहरी साजिश हो सकती है, जिसका खुलासा जांच के बाद होगा। पुलिस ने मृतका के शव का पोस्टमार्टम करवा दिया है और रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
इस मामले में पुलिस ने यह भी बताया कि प्रारंभिक जांच में यह पता चला है कि मृतका के ससुराल में पारिवारिक विवाद चल रहा था। श्रुति के परिवार का आरोप है कि ससुराल वालों ने उनकी बेटी के साथ मारपीट और उत्पीड़न भी किया था, जिसकी कई बार शिकायत भी की गई थी। मृतका के परिजनों का कहना है कि यदि समय रहते उनकी बेटी को बचाया जाता तो आज वह उनके बीच होती।
पारिवारिक विवाद और ससुरालियों पर गंभीर आरोप
श्रुति के परिवार के सदस्य यह भी आरोप लगा रहे हैं कि ससुरालियों ने श्रुति के जीवन को एक दुखभरा सफर बना दिया था। उन्होंने कहा कि श्रुति के ससुराल में लगातार मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न किया जाता था, और यह मामला समय के साथ बढ़ता गया। परिजनों का कहना है कि कई बार इस बारे में थाने में भी शिकायत दी गई थी, लेकिन पुलिस की तरफ से कोई खास कार्रवाई नहीं की गई।
इस घटना के बाद, स्थानीय निवासी और महिला अधिकार संगठन भी इस मुद्दे पर सक्रिय हो गए हैं और उन्होंने पुलिस से मामले की जांच में निष्पक्षता और तेजी से कार्रवाई करने की अपील की है।
महिला सुरक्षा और परिवार के बीच उत्पीड़न की बढ़ती घटनाएं
यह घटना केवल मुजफ्फरनगर तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे प्रदेश और देश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते उत्पीड़न के मामलों को उजागर करती है। यह घटना फिर से महिलाओं की सुरक्षा, उनके अधिकारों और परिवारों में उत्पीड़न के मुद्दे पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है।
इससे पहले भी ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं, जहां ससुराल वालों द्वारा महिला के खिलाफ अत्याचार किए गए हैं और उनके विरोध में आवाज उठाने वाले परिजनों को नजरअंदाज किया गया। इस मामले में भी मृतका के परिजनों का आरोप है कि उन्हें कई बार ससुरालियों के अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठानी पड़ी, लेकिन इसके बावजूद किसी ने ध्यान नहीं दिया।
आखिरकार क्या होगा इस मामले का हल?
इस मामले में पुलिस ने आश्वासन दिया है कि सभी आरोपियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी और किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरती जाएगी। हालांकि, श्रुति के परिजनों का कहना है कि उन्हें न्याय मिलने तक वे चुप नहीं बैठेंगे और किसी भी हाल में अपनी बेटी के साथ हुए अन्याय का बदला लेंगे।
यह मामला न केवल मुजफ्फरनगर बल्कि हर उस परिवार के लिए एक चेतावनी बन गया है, जो ससुरालियों द्वारा महिलाओं के उत्पीड़न और उनके साथ किए गए जुल्मों को अनदेखा कर रहा है। अब यह देखना होगा कि पुलिस इस मामले में कब तक सही कार्रवाई करती है और पीड़ित परिवार को न्याय मिलता है या नहीं।