
प्रतीकात्मक तस्वीर।
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कर सुधारों और नीतियों का असर बेहतर राजस्व के रूप में सामने आ रहा है। पिछले अगस्त के मुकाबले इस अगस्त में प्रदेश सरकार के खजाने में 1219 करोड़ से अधिक आए हैं। हालांकि सावन और पुरुषोत्तम मास का असर आबकारी की आय पर पड़ा है। पिछले अगस्त के मुकाबले इस अगस्त में आबकारी राजस्व 19 करोड़ रुपये घट गया। शेष सभी कर व करेतर विभागों ने राजस्व का रिकॉर्ड बनाया। ये जानकारी वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने दी। वे अगस्त में मिले राजस्व का ब्योरा साझा कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2022-23 के अगस्त में 13024.44 करोड़ का राजस्व मिला था। वहीं, चालू वित्त वर्ष के अगस्त में 14243.82 करोड़ रुपये राजस्व मिला है। यह पिछले अगस्त की तुलना में 1219.38 करोड़ रुपये ज्यादा है। इसमें सबसे ज्यादा योगदान जीएसटी और वैट का रहा। स्टांप व निबंधन, परिवहन और भूतत्व व खनिकर्म के अलावा आबकारी भी राजस्व के प्रमुख स्रोत रहे।
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बुनियादी विकास के लिए केंद्र ने दिए 17939 करोड़
खन्ना ने बताया कि यूपी के लिए केंद्र ने विशेष मदद के रूप में 17939 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। इसमें से 11960 करोड़ रुपये प्राप्त हो चुके हैं। इस राशि का उपयोग ऊर्जा, लोक निर्माण विभाग, परिवहन, इंफ्रा, औद्योगिक विकास और गृह विभाग में किया जा रहा है। ये ब्याज मुक्त लोन है, जिसे 50 वर्ष में वापस करना है।
राजा भरत से बना भारत, इंडिया नहीं
इंडिया और भारत के बीच छिड़े विवाद पर वित्तमंत्री ने कहा कि राजा भरत के नाम से भारत नाम पड़ा है। इंडिया शब्द भारतीय संस्कृति की देन नहीं है। ‘प्रेसीडेंट ऑफ भारत’ को उन्होंने सही ठहराया। वर्ष 2004 में मुलायम सिंह यादव द्वारा इंडिया को भारत करने के प्रस्ताव से जुड़े सवाल पर कहा, उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। घोसी चुनाव को लेकर कहा कि भाजपा जीत रही है।
राजस्व प्राप्ति का तुलनात्मक ब्योरा
विभाग — अगस्त-22 — अगस्त-23
जीएसटी — 4658 करोड़ — 5425 करोड़
वैट — 2470 करोड़ — 2489 करोड़
आबकारी — 2999 करोड़ — 2980 करोड़
स्टांप-निबंधन — 2063 करोड़ — 2428 करोड़
परिवहन — 659 करोड़ — 717 करोड़
भूतत्व-खनिकर्म — 175 करोड़ — 204 करोड़