मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि प्रदेश में मिलावटी व नकली खाद बेचने और कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (रासुका) के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि किसानों को खाद मिलने में किसी भी प्रकार की समस्या आती है तो संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी। किसी स्तर पर मिलीभगत या लापरवाही सामने आने पर खुली विजिलेंस जांच कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री मंगलवार को खाद की उपलब्धता और वितरण व्यवस्था की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिए कि सहकारिता और कृषि मंत्री प्रतिदिन खाद की उपलब्धता व वितरण की समीक्षा करें। मुख्यमंत्री कार्यालय से भी प्रत्येक जिले की सीधी निगरानी की जाएगी। खाद वितरण में किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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सीएम ने सभी जिलों में डीएम, एडीएम और एसडीएम को खाद की दुकानों और सहकारी समितियों का नियमित व औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ओवररेटिंग किसी भी हालत में न हो और खाद समितियां निर्धारित समय के अनुसार खोली जाएं। डीएपी, यूरिया और पोटाश किसानों को केवल तय सरकारी दरों पर ही उपलब्ध कराए जाएं। जहां भी अनियमितता मिले, तत्काल कार्रवाई करते हुए जिम्मेदारी तय की जाए और फील्ड में तैनात अधिकारियों की गतिविधियों पर सतत नजर रखी जाए। बैठक में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और सहकारिता राज्यमंत्री जेपीएस राठौर भी शामिल रहे।
खाद की पर्याप्त उपलब्धता
बैठक में मुख्यमंत्री को बताया गया कि 16 दिसंबर तक प्रदेश में 9.57 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 3.77 लाख मीट्रिक टन डीएपी और 3.67 लाख मीट्रिक टन एनपीके उर्वरक उपलब्ध है। यूरिया में सहकारी क्षेत्र के पास 3.79 लाख मीट्रिक टन और निजी क्षेत्र के पास 5.78 लाख मीट्रिक टन स्टॉक है। डीएपी में सहकारी क्षेत्र में 1.47 लाख मीट्रिक टन और निजी क्षेत्र में 2.30 लाख मीट्रिक टन उपलब्ध है, जबकि एनपीके में सहकारी क्षेत्र के पास 0.88 लाख मीट्रिक टन और निजी क्षेत्र के पास 2.79 लाख मीट्रिक टन उर्वरक मौजूद है।
