Sultanpur doctor murder case: Bulldozer rammed into criminal's house

अपराधी का निर्माण ढहा दिया गया।
– फोटो : अमर उजाला

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 चिकित्सक की नृशंस हत्या को लेकर जिस तरह से विभिन्न वर्गों से तीखी प्रतिक्रिया आईं, उससे प्रदेश सरकार सतर्क हुई। एडीजी कानून व्यवस्था समेत बड़े अफसरों ने जिले में डेरा डाल दिया और दोपहर बाद आरोपियों के अवैध कब्जों पर कार्रवाई शुरू कर दी गई। इसके साथ ही इस मामले में और अधिवक्ता हत्याकांड में शिथिलता के आरोप में नगर कोतवाल को भी सस्पेंड कर दिया गया है।

शनिवार को शहर में खुलेआम चिकित्सक घनश्याम तिवारी की नृशंस हत्या ने पूरे पुलिस प्रशासन को हिलाकर रख दिया। चिकित्सक के परिवार को दाह संस्कार के लिए मनाने में अफसरों के पसीने छूट गए। ऐसे में विधायकों ने जब शासन तक बात पहुंचाई तो छह मांगें मानी जाने के बाद दाह संस्कार हुआ। चिकित्सक के भाई ने एसपी को एक तहरीर भी दी है। जिसमें मुख्य आरोपी अजय नारायन सिंह के अलावा उसके पिता जगदीश नारायन सिंह, चचेरे भाई भाजयुमो जिलाध्यक्ष चंदन नारायन सिंह और पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष गिरीश नारायन सिंह बब्बन पर भी हत्या का आरोप लगाया है। इसमें से जगदीश नारायन को तो पुलिस ने जेल भेज दिया, लेकिन बाकी नाम एफआईआर में शामिल किए गए या नहीं। इस बारे में पुलिस अधिकारियों ने देर शाम तक कुछ स्पष्ट नहीं किया था।

इस मामले में रविवार रात को ही आईजी प्रवीण कुमार, मंडलायुक्त गौरव दयाल ने आकर जिले के अधिकारियों के साथ मंथन किया था। इसके बाद दिन में एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने भी दिन में आकर घंटों जिले के आला अधिकारियों के साथ बैठक की। जिसके बाद कार्रवाई को लेकर मंशा स्पष्ट हो गई। दोपहर बाद पुलिस और प्रशासन की टीम ने लखनऊ-सुल्तानपुर हाईवे पर पयागीपुर चौराहे के निकट नलकूप विभाग की जमीन पर भाजयुमो जिलाध्यक्ष चंदन नारायन सिंह की ओर से बनवाए गए भाजयुमो कार्यालय को ध्वस्त करा दिया। यहां से टीम नरायनपुर गांव गई और सरकारी जमीन पर बने अजय नारायन के अवैध निर्माण को भी ध्वस्त किया। साथ ही साथ मृतक डॉक्टर घनश्याम के द्वारा खरीदी गई जमीन की पैमाइश करवाकर कब्जा भी दिला दिया गया।



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