Muzaffarnagar राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा सनातन धर्म और हिन्दू देवी-देवताओं के खिलाफ दिए गए विवादित बयान ने धार्मिक और सामाजिक संगठनों में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है। रविवार को हिन्दू सुरक्षा सेवा संघ के कार्यकर्ताओं ने शहर के शिव चौराहा पर जोरदार प्रदर्शन करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य का पुतला दहन किया।
संगठन के कार्यकर्ताओं ने किया जोरदार प्रदर्शन
प्रदर्शन का नेतृत्व जिलाध्यक्ष शैंकी धीमान ने किया। उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा दिए गए बयान से करोड़ों सनातन धर्मावलंबियों की भावनाएं आहत हुई हैं। उनके खिलाफ तुरंत सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
इस दौरान कार्यकर्ताओं ने “स्वामी प्रसाद मौर्य मुर्दाबाद”, “भारत माता की जय” और “सनातन धर्म जिंदाबाद” के नारे लगाकर अपना आक्रोश प्रकट किया।
संगठन के कार्यकर्ताओं ने एकत्र होकर शहर में जुलूस निकाला और मौर्य के खिलाफ नारेबाजी की। विरोध प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा, लेकिन प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए गए थे।
बयान को बताया धर्म का अपमान
हिन्दू सुरक्षा सेवा संघ के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने बयान में भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और भगवान गणेश का अपमान किया है। उन्होंने इन देवी-देवताओं को “सामान्य व्यक्ति” बताकर हिंदू समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।
संगठन के नेताओं ने कहा कि यह केवल एक धार्मिक टिप्पणी नहीं, बल्कि सनातन परंपरा और हिंदू आस्था पर सीधा प्रहार है।
महंत राजूदास के निर्देश पर हुआ विरोध प्रदर्शन
यह प्रदर्शन संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत राजूदास के निर्देश पर किया गया। उन्होंने सभी जिलाध्यक्षों को निर्देश दिया था कि देशभर में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन आयोजित किए जाएं, ताकि समाज को यह संदेश मिले कि कोई भी व्यक्ति सनातन धर्म का अपमान करेगा तो उसे जवाब जरूर मिलेगा।
ज्ञापन सौंपकर की कानूनी कार्रवाई की मांग
पुतला दहन के बाद संगठन के पदाधिकारी नगर कोतवाली पहुंचे और थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई कि स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कठोर कार्रवाई की जाए।
संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो संगठन राज्यव्यापी आंदोलन करेगा।
प्रदर्शन में रहे कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल
इस विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल रहे। इनमें प्रमुख रूप से —
जिलाध्यक्ष शैंकी धीमान, जिला प्रभारी अंशुल तायल, जिला उपाध्यक्ष तुषार कादियान, शुभम राठी, नगर मंत्री अनुज सैनी, सदर तहसील अध्यक्ष अंकित कुमार, मीडिया प्रभारी अजय कुमार, उपाध्यक्ष पंकज कुमार, प्रशांत कुमार, नितिन सैनी, विनोद गोयल, राम सिंह, विपिन प्रजापति, मयंक गुप्ता, राजेन्द्र तायल, रामसिंह सैनी, शुभम वर्मा और विजय प्रजापति मौजूद रहे।
संगठन के सदस्यों ने कहा कि यह विरोध केवल किसी व्यक्ति के बयान के खिलाफ नहीं, बल्कि उस सोच के खिलाफ है जो भारतीय संस्कृति की जड़ों को कमजोर करने की कोशिश कर रही है।
पुलिस प्रशासन की सतर्कता और शांति व्यवस्था बरकरार
विरोध के दौरान प्रशासनिक सतर्कता बनी रही। पुलिस बल पूरी तरह से मुस्तैद रहा ताकि कोई भी अप्रिय स्थिति उत्पन्न न हो। प्रदर्शन के दौरान किसी प्रकार की हिंसा नहीं हुई और कार्यक्रम शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ।
नगर पुलिस के अनुसार, संगठन को पहले ही शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अनुमति दी गई थी और पुलिस ने क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को सख्त बनाए रखा था।
स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान के खिलाफ मुजफ्फरनगर में हुआ यह शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन इस बात का संकेत है कि समाज अपनी आस्था और सनातन परंपराओं के अपमान को किसी भी रूप में सहन नहीं करेगा। प्रशासन की निगरानी में पूरा कार्यक्रम अनुशासनपूर्वक संपन्न हुआ।

 
                    