
कासिमपुर पावर हाउस
– फोटो : Amar Ujala
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हरदुआगंज तापीय परियोजना, कासिमपुर में कबाड़ और राख के ठेकों पर सवाल खड़े हुए तो चार स्थानीय अधिकारियों पर कार्रवाई कर दी गई। उन्हें लखनऊ मुख्यालय से सम्बद्ध कर दिया गया। परियोजना में अंदरखाने चर्चा है कि इसके अलग-अलग विभागों में बैठे अधिकारी टेंडरों में नियम कानून ताक पर रख कर खुद के रिश्तेदारों के नाम की फर्म बना कर उनको टेंडर दिला रहे हैं।
इसकी शिकायत संविदाकार हमेशा करते आए हैं। मार्च 2021 में कोल यार्ड डिवीजन के अधिकारियों ने तो जवां में स्थित राख के यार्ड से करोड़ों रुपये की राख तक बेची दी थी। जिसकी शिकायत लखनऊ तक होने के बाद स्थानीय अधिकारियों पर जांच तो बैठी, लेकिन उसका खुलासा आज तक नहीं हो सका।
26 नवंबर को हुई कार्रवाई में मुख्य महाप्रबंधक सुनील कुमार सिंह, महाप्रबंधक प्रशासनिक मधु मुखैया, अधीक्षण अभियंता शैलेंद्र सिंह और अधिशासी अभियंता शिवरतन सिंह शामिल हैं। आरोप है कि इनकी देखरेख में जो टेंडर उठाए गए हैं, उसमें बोली की रकम दो करोड़ रुपये कम कर दी गई है। इसके अलावा मुख्यालय से अनुमति के बिना ही 75 फीसदी कबाड़ बेच दिया गया है। परियोजना के कई और अधिकारी इस जांच के दायरे में आ सकते हैं। उन पर भी कार्रवाई हो सकती है।