गंगा में हाइड्रोजन जलयान का संचालन शनिवार से शुरू हो जाएगा। इसका प्रति व्यक्ति किराया 800 रुपये होगा। इसकी बुकिंग के लिए नमो घाट और रविदास घाट पर दो काउंटर बनाए जाएंगे। इसका संचालन नमो घाट से रविदास घाट तक किया जाएगा। आईडब्ल्यूएआई वाराणसी के निदेशक संजीव शर्मा ने बताया कि दो अंतरराष्ट्रीय क्रूज टर्मिनल बनाए जाएंगे। इसके लिए रामनगर और सामनेघाट में जमीन चिह्नित कर ली गई है।
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हाइड्रोजन जलयान
– फोटो : अमर उजाला
देश के पहले हाइड्रोजन कमर्शियल जलयान का शुभारंभ बृहस्पतिवार को नमो घाट से हुआ। केंद्रीय पत्तन पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल व प्रदेश के तीन राज्य मंत्रियों ने एक साथ जलयान को हरी झंडी दिखाई। इसके बाद जलयान को श्री काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के लिए रवाना किया गया। कोच्चि शिपयार्ड में 10 करोड़ की लागत से 50 सीटर क्षमता का यह हाइड्रोजन जलयान बना है। हाइड्रोजन जलयान ने पहली बार पांच किलोमीटर का सफर गंगा में तय किया।
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हाइड्रोजन जलयान
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अधिकारियों के मुताबिक इस जलयान में पांच हाइड्रोजन सिलिंडर लगेंगे। यह 12.038 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकेगा। विकल्प के तौर पर तीन किलोवाट के सोलर पैनल भी इस जलयान में लगाए गए हैं। अधिकारियों के अनुसार रविदास घाट से नमो घाट के लिए चलते समय अपस्ट्रीम में स्पीड ज्यादा होगी। वहीं नमो घाट से वापसी में डाउनस्ट्रीम में रफ्तार कम होगी। हाइड्रोजन जलयान में ईंधन रीफिलिंग के लिए चार स्टेशन बनाए जाएंगे। यहां हाइड्रोजन के साथ इलेक्ट्रिक चार्जिंग पॉइंट की भी व्यवस्था होगी। रविदास घाट, नमो घाट, ललिता घाट और शिवाला घाट पर यह स्टेशन बनाए जाने हैं। इसमें रविदास घाट पर स्टेशन बना हुआ है। नमो घाट पर निर्माणाधीन है।
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हाइड्रोजन जलयान
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आईडब्ल्यूएआई के अधिकारियों के मुताबिक जलयान पर 10 क्रू मेंबर तैनात होंगे। इसमें दो चालक, तीन सी-मैन, दो मास्टर, एक इंजीनियर और एक सेफ्टी फायर रहेंगे। टेक्निकल इंजीनियर अनुज ने बताया कि जलयान डबल डेकर है। एक बार फ्यूल भराने के बाद यह बंदरगाह से नमो घाट के बीच दो से तीन बार जा सकता है। इनके पूर्व प्रदेश के आयुष मंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्रा दयालु ने कहा, गंगा को प्रदूषण मुक्त करने का माइलस्टोन काशी में स्थापित हुआ था। मौजूद समय में हम सौर ऊर्जा में दुनिया में सबसे आगे हैं। हम आत्मनिर्भर और नई तकनीकों से युक्त देश के रूप में दुनिया के सामने उभर रहे हैं। राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार रवींद्र जायसवाल ने कहा कि काशी गंगा और आस्था का शहर है।
हाइड्रोजन जलयान को हरी झंडी दिखाते मंत्री
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शून्य प्रदूषण वाला देश का पहला जलयान
केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने हाइड्रोजन जलयान की विशेषता बताई और कहा कि यह शून्य प्रदूषण वाला देश का पहला जलयान है। काशी हाइड्रोजन फ्यूल पर आधारित वाहनों के संचालन का प्रतिनिधित्व करेगी। जलमार्ग परिवहन को बढ़ावा देने के लिए अगले साल तक काशी में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करेंगे। यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया की प्रतिबद्धता और सभी क्षेत्रों में हरित परिवहन की ओर बदलाव को दर्शाती है। केंद्रीय मंत्री जलयान में सवार होकर बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने पहुंचे।