
अब्बास अंसारी
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मऊ के कोतवाली नगर में विधानसभा चुनाव के दौरान अब्बास अंसारी द्वारा दिए गए विवादित बयान के मामले में अब्बास के साथ आरोपी बनाए गए उमर अंसारी की मिली अंतरिम राहत को बरकरार रखा है। कोर्ट ने उमर की अग्रिम जमानत अर्जी पर बृहस्पतिवार को सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया। याची को 50 हजार रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही दो प्रतिभूतियों पर सुनवाई की अगली तिथि तक के लिए कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
यह आदेश न्यायमूर्ति समित गोपाल ने उमर अंसारी की ओर से दाखिल अग्रिम जमानत अर्जी पर फैसला सुरक्षित करते हुए दिया। हालांकि, कोर्ट ने अंतरिम राहत देते हुए कुछ शर्तें भी लगाई हैं। विधानसभा 2022 के चुनाव में अब्बास अंसारी ने एक सभा के दौरान हिसाब-किताब करने वाला बयान दिया था। उस सभा में उमर भी मौजूद थे। पुलिस ने अब्बास के साथ उमर सहित कई लोगों को आरोपी बनाते हुए मऊ के कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज की थी। अब्बास अंसारी को इस मामले में हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है।
बृहस्पतिवार को सुनवाई के दौरान याची की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल स्वरूप चतुर्वेदी और उपेंद्र उपाध्याय ने पक्ष रखा। कहा कि विवादित बयान से याची का कोई मतलब नहीं है। पुलिस ने सभा में मौजूद होने की वजह से प्राथमिकी दर्ज की है। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया और पहले से जारी अंतरिम अग्रिम जमानत को अगली सुनवाई की तिथि तक बरकरार रखा।