
हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल
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हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कई राज्यों में राज्यपाल और विपक्ष दलों की सरकारों के बीच चल रहे टकराव पर कहा कि राज्यपाल का पद संविधानिक होता है। हर राज्यपाल अपने संविधानिक पद का पालन करते हैं। लेकिन जिन लोगों को सत्ता के द्वारा राज्यपालों को अपने वश में करने की हवस होती है, वो ही राज्यपाल से लड़ते हैं। उन्होंने कहा कि फिलहाल हिमाचल प्रदेश में ऐसी कोई बात नहीं है। उन्होंने ये बात बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही।
हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल ने कहा कि राज्यपाल का पद ही तब सृजित किया गया था, जब संविधान का निर्माण हुआ था। आज संविधान पर विश्वास करने वाले लोग मुख्यमंत्री हो सकते हैं तो उन्हें राज्यपालों पर भी विश्वास करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अब उत्तर प्रदेश में लोग कर्जदार नहीं, कर्ज देने वाले बन गए हैं। प्रधानमंत्री द्वारा खुलवाए गए जनधन खातों में 80 हजार करोड़ रुपये जमा हो चुका है। क्योंकि, अब बिचौलिये और भ्रष्टाचार खत्म हो गया है। एक सवाल के जवाब में बोले कि रोजगार खूब मिल रहा है। आज स्थिति ये है कि मनरेगा में मजदूर नहीं मिल रहे हैं।