मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar) में एक ऐतिहासिक पल तब सामने आया जब जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने ज़िले के किक बॉक्सिंग खिलाड़ियों को राष्ट्रीय प्रतियोगिता में चयनित होने पर सम्मानित किया। यह दृश्य किसी प्रेरणा से कम नहीं था। डीएम कक्षा में आयोजित इस सम्मान समारोह में खिलाड़ियों को माला पहनाकर न केवल सराहना दी गई, बल्कि भविष्य के लिए शुभकामनाएं और समर्थन का आश्वासन भी मिला।

डीएम उमेश मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा, “यदि खिलाड़ी समर्पण और परिश्रम के साथ खेलें, तो कोई वजह नहीं कि तिरंगा केवल राष्ट्रीय नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी न लहराए। हम प्रशासन की ओर से हरसंभव सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”


👊राष्ट्रीय स्तर पर बाज़ी मारने उतरेंगे मुजफ्फरनगर के योद्धा

इस सम्मान समारोह में जिन खिलाड़ियों का नाम सामने आया, उन्होंने अपने खेल कौशल से ज़िले को गौरवान्वित किया है। चयनित खिलाड़ी तीन अलग-अलग वर्गों में विभाजित हैं, जो कि आगामी महीनों में विभिन्न राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेंगे।

➡ सीनियर वर्ग (16 से 20 जुलाई 2025, रायपुर, छत्तीसगढ़):

  • राखी सूर्यदेव

  • पिंकी सूर्यदेव

  • कन्हैया प्रहलाद सैनी

➡ सब जूनियर वर्ग (20 से 24 अगस्त 2025, तमिलनाडु):

➡ जूनियर वर्ग (10 से 14 सितंबर 2025):

इन खिलाड़ियों की मेहनत और समर्पण ने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाया है। मुजफ्फरनगर जिले के लिए यह गर्व की बात है कि इतने सारे खिलाड़ी एक साथ विभिन्न राष्ट्रीय मंचों पर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करेंगे।


🥋कोच मनोज कुमार को भी मिली खास सराहना

किक बॉक्सिंग एसोसिएशन के कोच मनोज कुमार को भी विशेष रूप से सम्मानित किया गया। खिलाड़ियों की सफलता में कोच की भूमिका अहम होती है, और मनोज कुमार ने इन खिलाड़ियों को कठिन अभ्यास, अनुशासन और मानसिक ताकत के साथ तैयार किया है। कोच मनोज ने इस अवसर पर कहा, “हमारे खिलाड़ी केवल पदक नहीं, प्रेरणा बनकर उभरेंगे।


🔥किक बॉक्सिंग से बदलती खेल की तस्वीर

मुजफ्फरनगर जैसे जिले में किक बॉक्सिंग जैसे खेल का लोकप्रिय होना इस बात का प्रमाण है कि देश के कोने-कोने में प्रतिभा छुपी है। ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले ये खिलाड़ी कड़े अभ्यास और आत्मविश्वास से न केवल खुद को, बल्कि अपने जिले को भी राष्ट्रीय नक्शे पर उभार रहे हैं।

वर्तमान में किक बॉक्सिंग की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के खिलाड़ियों की बढ़ती उपस्थिति ने इस खेल को नई पहचान दी है। मुजफ्फरनगर के इन खिलाड़ियों ने यह दिखा दिया है कि अगर मंच दिया जाए, तो वे किसी भी शहर या राज्य से कम नहीं हैं।


💪खिलाड़ियों की मेहनत और परिवारों का संघर्ष

इन खिलाड़ियों की मेहनत जितनी प्रेरणादायक है, उतना ही उनके परिवारों का त्याग और सहयोग भी प्रशंसा योग्य है। कई खिलाड़ियों के परिवार सीमित संसाधनों के बावजूद अपनी संतानों के सपनों में विश्वास रखे हुए हैं। सुबह चार बजे की प्रैक्टिस, स्कूल के बाद अतिरिक्त ट्रेनिंग और आर्थिक चुनौतियों का सामना करते हुए इन खिलाड़ियों ने अपने लक्ष्य की ओर कदम बढ़ाए हैं।


🏅रायपुर, तमिलनाडु और उसके आगे का सफर

खिलाड़ी अब अपनी अंतिम तैयारी में जुट चुके हैं। रायपुर में सीनियर वर्ग की प्रतियोगिता, तमिलनाडु में सबजूनियर और फिर जूनियर वर्ग की स्पर्धाएं इन सभी के लिए एक बड़ा अवसर हैं। एक अच्छा प्रदर्शन उन्हें अंतरराष्ट्रीय चयन की दिशा में भी ले जा सकता है।

स्पोर्ट्स अथॉरिटी, राज्य प्रशासन और स्थानीय समाज को इन खिलाड़ियों के लिए एकजुट होकर सहयोग करना चाहिए ताकि ये सितारे राष्ट्रीय धरोहर बन सकें।


🔔किक बॉक्सिंग से जुड़ी अन्य सफलताएं भी प्रेरणादायक

यह पहली बार नहीं है जब मुजफ्फरनगर के खिलाड़ी इस स्तर पर चयनित हुए हों। इससे पूर्व भी जिले के कुछ खिलाड़ियों ने राज्य स्तर पर पदक जीते हैं। इस वर्ष राष्ट्रीय स्तर पर भागीदारी दर्शाती है कि खेल के प्रति जागरूकता और खिलाड़ियों की गुणवत्ता में निरंतर वृद्धि हो रही है।


✨युवाओं के लिए एक संदेश: खेल सिर्फ शरीर नहीं, चरित्र भी बनाता है

डीएम उमेश मिश्रा ने कहा, “युवा पीढ़ी को केवल नौकरी और पढ़ाई तक सीमित न रखें। खेलों में भी सुनहरा भविष्य है, बशर्ते मेहनत और लगन हो।” आज की युवा पीढ़ी अगर अनुशासन, समर्पण और सही मार्गदर्शन के साथ आगे बढ़े, तो वे किसी भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का नाम रौशन कर सकते हैं।


📢मीडिया और समाज की भूमिका भी अहम

खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने में मीडिया, शिक्षण संस्थान और समाज की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। ऐसे समाचारों को सामने लाना न केवल प्रेरणा देता है, बल्कि खिलाड़ियों को मानसिक बल भी प्रदान करता है।


📸खास पल कैमरे में कैद: माला पहनाते डीएम, गर्व से झूमते अभिभावक

स समारोह के दौरान जब खिलाड़ियों को माला पहनाई जा रही थी, तो उनके माता-पिता की आंखों में गर्व और भावुकता के मिश्रित भाव थे। ये क्षण आने वाले वर्षों में इन खिलाड़ियों को प्रेरणा देते रहेंगे।


मुजफ्फरनगर के इन जुझारू खिलाड़ियों ने यह साबित कर दिया है कि असली टैलेंट सिर्फ बड़े शहरों में नहीं, बल्कि छोटे जिलों में भी पलता है। किक बॉक्सिंग की इस यात्रा में अब पूरा जिला इनके साथ खड़ा है। आइए, हम सब मिलकर इनके साहस को सलाम करें और राष्ट्रीय मंच पर इनकी जीत की कहानी को सुनने के लिए तैयार रहें।



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