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पर्वत सिंह बादल जालौन



प्राचीन ग्रंथों में 84 से अधिक प्रकार के रत्नों का उल्लेख किया गया है। इनमें से कई अब उपलब्ध नहीं हैं। मुख्य रूप से 9 रत्न ही अधिक प्रचलित हैं !

आइये समझते हैं कि इन 9 रत्नों का व्यक्ति के जीवन में क्या प्रभाव पड़ता हैं !

🔹 1. मूंगा (Coral) – मंगल की राशि मेष और वृश्चिक वाले लोगों को मूंगा पहनने की सलाह दी जाती है। मूंगा पहनने से साहस और आत्मविश्वास बढ़ता है। पुलिस, सेना, डॉक्टर, प्रॉपर्टी डीलर, हथियार निर्माता, सर्जन, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर इंजीनियर आदि को मूंगा पहनने से विशेष लाभ मिलता है। रक्त संबंधी रोग, मिर्गी और पीलिया में भी इसे लाभकारी माना जाता है।



❗️कौन सी स्थिति में मूंगा पहनने से लाभ नहीं अपितु नुक़सान होगा :-

अगर कुंडली के अनुसार मूंगा नहीं पहना जाए तो यह नुकसान भी पहुंचा सकता है। इससे दुर्घटना भी हो सकती है। कहा जाता है कि इसका भार जीवनसाथी पर रहता है। इससे पारिवारिक विवाद, परिजनों से मनमुटाव और वाणी दोष भी हो सकता है। अगर कहीं भी शनि और मंगल की युति हो तो मूंगा नहीं पहनना चाहिए!

2. हीरा(Diamond)-  शुक्र की राशि वृषभ और तुला वालों को हीरा पहनने की सलाह दी जाती है। हीरा उन्हें अमीर भी बना सकता है और गरीब भी। इसे पहनने से सुंदरता, प्रसिद्धि और प्रतिष्ठा मिलती है। कहा जाता है कि यह मधुमेह में लाभकारी होता है।



❗️कौन सी स्थिति में हीरा पहनने से लाभ नहीं अपितु नुक़सान होगा :-

लाल किताब के अनुसार, यदि शुक्र तीसरे, पांचवें और आठवें स्थान पर हो तो हीरा नहीं पहनना चाहिए। इसके अलावा टूटा हुआ हीरा भी नुकसानदायक होता है। यदि कुंडली में शुक्र मंगल या बृहस्पति की राशि में हो या इनमें से किसी एक से दृष्ट हो या इनकी राशियों से स्थान परिवर्तन हो रहा हो तो हीरा मारकेश की तरह व्यवहार करता है और व्यक्ति को आत्महत्या या पाप की ओर ले जाता है।

3. पन्ना(Emerald)- बुध की राशि मिथुन और कन्या के लोगों को पन्ना पहनने की सलाह दी जाती है। पन्ना पहनने से याददाश्त बढ़ती है। पाचन क्रिया को बेहतर बनाने के लिए भी इसे पहना जाता है। नौकरी और व्यापार में तरक्की के लिए भी इसे पहनने की सलाह दी जाती है।

❗️कौन सी स्थिति में पन्ना पहनने से लाभ नहीं अपितु नुक़सान होगा :-



लाल किताब के अनुसार अगर बुध तीसरे या 12वें भाव में हो तो पन्ना नहीं पहनना चाहिए। ज्योतिष के अनुसार अगर बुध 6वें, 8वें, 12वें भाव का स्वामी हो तो पन्ना पहनने से अचानक नुकसान हो सकता है। अगर बुध की महादशा चल रही हो और बुध 8वें या 12वें भाव में बैठा हो तो भी पन्ना पहनने से परेशानी हो सकती है।

4. मोती(Pearl)- जिन लोगों की राशि कर्क है और बृहस्पति की राशि मीन है, उनके लिए मोती पहनना उचित है। इसे पहनने से मन में सकारात्मक विचार उत्पन्न होते हैं। मन की बेचैनी दूर होती है। इसे पहनने से सर्दी-खांसी से राहत मिलती है, भयमुक्त जीवन मिलता है और सुख-समृद्धि बढ़ती है।



❗️कौन सी स्थिति में मोती पहनने से लाभ नहीं अपितु नुक़सान होगा :-

लाल किताब के अनुसार, अगर कुंडली में चंद्रमा 12वें या 10वें भाव में हो तो मोती नहीं पहनना चाहिए। यह भी कहा जाता है कि जिन लोगों की राशि शुक्र, बुध, शनि है, उन्हें भी मोती नहीं पहनना चाहिए। अत्यधिक भावुक लोगों और गुस्सैल लोगों को मोती नहीं पहनना चाहिए।

5. माणिक(Ruby) – सूर्य की राशि सिंह के लोगों के लिए माणिक धारण करना उचित है। माणिक सरकारी और प्रशासनिक कार्यों में सफलता दिलाता है। अगर आपको इसका लाभ मिल रहा है तो आपके चेहरे पर चमक रहेगी, अन्यथा आपको सिर दर्द रहेगा और पारिवारिक परेशानियां भी बढ़ेंगी। आपको बदनामी का सामना करना पड़ सकता है।

6. पुखराज( Topaz)- बृहस्पति या गुरु की राशि धनु और मीन वालों के लिए पुखराज पहनना उचित रहता है। पुखराज पहनने से यश मिलता है। यश से मान-सम्मान बढ़ता है। शिक्षा और करियर में यह लाभकारी होता है। मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु और मीन राशि के लोग यदि पुखराज धारण करें तो इन्हें संतान, शिक्षा, धन और यश में सफलता मिलती है।

❗️कौन सी स्थिति में पुखराज पहनने से लाभ नहीं अपितु नुक़सान होगा :-



लाल किताब के अनुसार यदि धनु लग्न में गुरु हो तो पुखराज या सोना केवल गले में ही पहनना चाहिए, हाथों में नहीं। यदि हाथों में पहना जाए तो ये ग्रह कुंडली के तीसरे भाव में स्थित होंगे। लेकिन ज्योतिष के अनुसार यदि कुंडली की जांच न कराई जाए और मन से पुखराज धारण किया जाए तो यह नुकसान भी पहुंचा सकता है। वृष, मिथुन, कन्या, तुला और मकर राशि वालों को पुखराज धारण नहीं करना चाहिए

7. नीलम(Blue Sapphire)- शनि की राशि कुंभ और मकर राशि वालों के लिए नीलम धारण करने की सलाह दी जाती है। शनि लग्न, पंचम या 11वें स्थान पर हो तो नीलम नहीं धारण करना चाहिए। नीलम आसमान पर उठाता है और खाक में मिला भी देता है। इसीलिए कुंडली की जांच करने के बाद नीलाम धारण करे !



यह व्यक्ति में दूरदृष्टि, कार्यकुशलता और ज्ञान को बढ़ाता है। यह बहुत जल्दी से व्यक्ति को प्रसिद्ध कर देता है। परन्तु यदि नीलम सूट नहीं हो रहा है तो इसके प्रारंभिक लक्षणों में अकारण ही हाथ-पैरों में जबर्दस्त दर्द रहेगा, बुद्धि विपरीत हो जाएगी, धीरे-धीरे संघर्ष बढ़ेगा और व्यक्ति जीवन में खुद के ही बुने हुए जाल में उलझ जाएगा।

8. गोमेद(Hassonite)- राहु के लिए गोमेद पहनने की सलाह दी जाती है। गोमेद पहनने से नेतृत्व क्षमता बढ़ती है। ऐसा कहा जाता है कि गोमेद काले जादू से बचाता है। यह अचानक लाभ दिलाता है और अचानक होने वाले नुकसान से भी बचाता है।

❗️कौन सी स्थिति में गोमेद पहनने से लाभ नहीं अपितु नुक़सान होगा :-



लाल किताब के अनुसार, अगर राहु 12वें, 11वें, 5वें, 8वें या 9वें स्थान पर हो तो गोमेद नहीं पहनना चाहिए अन्यथा नुकसान होगा। लेकिन ज्योतिष के अनुसार, दोषपूर्ण गोमेद नुकसान पहुंचा सकता है। पेट के रोग, आर्थिक नुकसान, पुत्र की हानि, व्यापार में नुकसान, रक्त विकार के अलावा यह भी कहा जाता है कि यह अचानक मृत्यु का कारण भी बन सकता है।

9. लहसुनिया( Cat’s eye stone)- केतु के लिए लहसुनिया पहनने की सलाह दी जाती है। इसे संस्कृत में वैदुर्य कहते हैं। व्यापार और कार्य में लहसुनिया पहनने से फायदा मिलता है। यह किसी की नजर नहीं लगने देता है।


 
 ❗️कौन सी स्थिति में लहसुनिया पहनने से लाभ नहीं अपितु नुक़सान होगा :-

लाल किताब के अनुसार तीसरे और छठे भाव में केतु है तो लहसुनिया नहीं पहनना चाहिए वर्ना नुकसान होगा। ज्योतिष के अनुसार दोषयुक्त लहसुनिया वैसा ही नुकसान पहुंचाता है, जैसा कि गोमेद।

अस्तु 🙏🌺

By Parvat Singh Badal (Bureau Chief Jalaun)✍️

A2Z NEWS UP Parvat singh badal (Bureau Chief) Jalaun ✍🏻 खबर वहीं जों सत्य हो

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