फालोअप
अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। बबीना के सफा गांव में पारिवारिक रंजिश के बाद दो पक्षों के बीच हुई मारपीट मामले में पुलिस ने ग्राम प्रधान मोनू सिंह समेत दोनों पक्षों के 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने दोनों ही पक्षों के पास से असलहे समेत कारतूस बरामद किए हैं। मारपीट में गोली लगने से घायल पूर्व महिला ग्राम प्रधान लीला देवी की हालत अब सामान्य है। वहीं, इस मामले में 12 अन्य लोगों को भी अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस मामले में बबीना पुलिस की लापरवाही भी सामने आई है।
सफा गांव में विवाद के बाद पुलिस ने दोनों ही पक्षों की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर ली थी। देर-रात दबिश देकर ग्राम प्रधान मोनू सिंह, जितेंद्र सिंह, नीरज सिंह, सरदार सिंह, सुंदर सिंह, विपिन सिंह, अर्जुन सिंह, राघवेंद्र सिंह, आयुष्मान सिंह एवं विशाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से दो तमंचा, तीन कारतूस आदि बरामद हुआ। एसपी सिटी ज्ञानेंद्र सिंह के मुताबिक आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया।
इनसेट
पुलिस सतर्क रहती तब टल सकता था टकराव
लापरवाह पुलिसकर्मियों पर लटकी कार्रवाई की तलवार, थाना प्रभारी का समय पर रिसीव नहीं हुआ फोन, देर से पहुंची पुलिस
बबीना पुलिस अगर थोड़ी सी सतर्कता बरतती तब दो पक्षों के इस टकराव को टला जा सकता था लेकिन, पुलिस की लापरवाही ने मामला बिगाड़ दिया। टकराव की भीषणता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि मारपीट में बारह लोगों को गंभीर चोट आ गई जबकि पूर्व महिला ग्राम प्रधान गोली लगने से घायल हो गई। इसे पुलिस की भी चूक माना जा रहा है। ऐसे में लापरवाह पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की तलवार भी लटक गई है।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक मंगलवार शाम दुकान के बाहर अजय और धर्मेंद्र के बीच मारपीट की सूचना देने को वहां मौजूद लोगों ने बबीना थानाध्यक्ष के सीयूजी नंबर पर फोन किया लेकिन, उनका फोन नहीं उठा। गांव में ऐसे लोग भी सामने आए जिन्होंने बताया कि गांव के अंदर विवाद होने पर उन लोगों ने बबीना प्रभारी को फोन किया लेकिन, सीयूजी नंबर दोबारा नहीं उठा। सूचना मिलने पर अगर पुलिस पहुंच जाती तब टकराव टाला जा सकता था। विवाद के दौरान तमंचे से फायर भी हुआ हालांकि गनीमत रही कि गोली लगने से किसी की जान नहीं गई लेकिन, बारह लोग घायल हो गए। बता दें, बबीना के सफा गांव में उत्तम सिंह एवं लीला देवी के परिवार के बीच प्रधानी में वर्चस्व को लेकर पिछले कई साल से रंजिश चल रही है लेकिन, बबीना पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। पुलिस की लापरवाही का नतीजा रहा कि दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। इस घटना से पुलिस की खासी किरकिरी हुई।