अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। साइबर जालसाजी के शक में झांसी रेंज में इस साल अब तक 10,000 से भी अधिक बैंक खाते सीज किए गए हैं। जालसाजों ने कभी न कभी इन खातों में रकम भेजी। कई माह से सीज इन खातों में ज्यादातर छोटे दुकानदारों के हैं, जिन्होंने भले ही दस से लेकर सौ रुपये का लेनदेन संदिग्ध बैंक खातों से किया है। सबसे अधिक बैंक खाते झांसी, मोंठ, समथर, एरच एवं बड़ागांव में सीज हुए हैं।
साइबर जालसाजी के मामलों के बढ़ने पर केंद्र सरकार ने हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत की सुविधा दी है। इस पर शिकायत मिलते ही साइबर धोखाधड़ी से निकली रकम जिन बैंक खातों में जाती है, उनका पता लगाकर सीज कर दिया जाता है। साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि अगर जालसाज ने 50 हजार रुपये पांच अलग-अलग खातों में भेजे तो साइबर पुलिस उन सभी पांचों खातों को सीज कर देगी।
अब इन खातों से ये रकम आगे जितने भी खातों में जाएगी, वे भी सीज कर दिए जाएंगे। साइबर पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक झांसी में दस हजार से अधिक बैंक खाते इस तरह से सीज हैं। झांसी समेत मोंठ, समथर, एरच, मऊरानीपुर में सबसे अधिक उपभोक्ताओं के खाते सीज हैं।
ये खाते केंद्रीय स्तर पर सीज किए जा रहे हैं। केंद्रीय एजेंसी इनकी छानबीन करती है। साइबर अपराध से मिले पैसों के इस्तेमाल की पुष्टि होने पर कार्रवाई होती है।
सीडी यादव, साइबर थाना प्रभारी