128 peacock feathers and the ruined nests of birds will tell the story of barbarism

काटे गए पेड़
– फोटो : संवाद

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मथुरा के डालमिया फार्म हाउस में हरे पेड़ों की हत्या करने के मामले में हो रही जांच में रोज नए सबूतों पर काम किया जा रहाहै। वन विभाग की टीम को मौके से राष्ट्रीय पक्षी मोर के 128 पंख मिले हैं। काफी संख्या में पक्षियों के टूटे हुए घरौंदे भी टीम के हाथ लगे हैं। इन सबूतों की आख्या वन विभाग के अधिकारी न्यायालय में प्रस्तुत करेंगे। उनकी ओर से प्रयास किया जाएगा कि आरोपियों को जमानत न मिले।

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डालमिया फार्म हाउस में आरोपियों ने हरे पेड़ ही नहीं काटे हैं बल्कि राष्ट्रीय पक्षी मोर के प्राकृतिक आवास को भी उजाड़ दिया है। सैकड़ों पक्षियों के घरौंदों को भी तहस नहस कर दिया है। जांच टीम ने फार्म हाउस से मिले मोर पंखों को साक्ष्य के रूप में सुरक्षित कर लिया है। हालांकि बड़ा सवाल यह भी है कि पंख तो मिले पर मोर किसी भी हालत में नहीं मिल पाए। इतने पंख कितने मोरों के उखड़े, उनका क्या हाल हुआ, टीम को इसका सुराग नहीं मिला है। यह रहस्य अब तक बरकरार है। टीम इस एंगल से भी जांच कर रही है कि कहीं आरोपियों ने ही तो मोरों को गायब तो नहीं कर दिया। वन विभाग की टीम अब तक मिले साक्ष्यों को जांच आख्या में शामिल कर चुकी है।

आख्या और सबूतों को प्रकरण की सुनवाई के दौरान वन विभाग की टीम कोर्ट में प्रस्तुत करेगी। रविवार को वन विभाग के अधिकारी दिन भर प्रकरण से जुड़ी आख्या को धार देने की तैयारी में जुटे रहे। बताया जा रहा है कि टीम के हाथ प्रकरण से जुड़े कई अहम सबूत और सीसीटीवी फुटेज लगे हैं। जो मुकदमे में नामजद आरोपियों की मुश्किल बढ़ाने में मददगार साबित होंगे। इस मामले में वन विभाग ने एक मुकदमा थाना जैत में दर्ज कराया है। जबकि तीन मामले विभागीय स्तर पर दर्ज किए हैं।

एक दर्जन को नोटिस जारी ,10 अक्तूबर को दर्ज होंगे बयान

प्रकरण में वन विभाग की टीम ने तीन मुकदमे दर्ज किए हैं। इनमें नामजद और अज्ञात लोग शामिल हैं। उप प्रभारी वन अधिकारी और प्रकरण के जांच अधिकारी सुशील कुमार सिंह ने बताया कि प्रकरण में जिन लोगों के नाम सामने आए हैं। उन्हें नोटिस जारी कर दिया गया है। इन सभी को 10 अक्तूबर को कार्यालय में बयान देने के लिए बुलाया गया है। इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद प्रकरण से जुड़ी चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की जाएगी।

वन विभाग की जमीन से काट डाले 35 पेड़

वन विभाग की रिपोर्ट में यह साफ हो चुका है कि कुल 454 पेड़ काटे गए हैं। आरोपियों ने निजी भूमि पर लगे 419 पेड़ों के साथ वन विभाग की संरक्षित भूमि पर लगे 35 हरे पेड़ भी काट डाले। पेड़ों के कटान के बाद पशु पक्षी वहां से नदारद हो गए हैं। मौके पर टीम को मिले जेसीबी और अन्य वाहनों के पहियों के निशान वहां निर्दोष पशु-पक्षियों के साथ की गई बर्बरता की कहानी बयां कर रहे हैं।

टीम जुटा रही साक्ष्य 

सामाजिक वानिकी के प्रभागीय निदेशक रजनीकांत मित्तल ने बताया कि प्रकरण की जांच कर रही टीम लगातार साक्ष्य जुटा रही है। मौके से 128 मोर पंख और बड़ी संख्या में पक्षियों के उजड़े हुए घोंसले मिले हैं। इन साक्ष्यों को भी जांच आख्या में शामिल किया गया है। जांच आख्या को न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा। न्यायालय में पूरे मामले की मजबूती से पैरवी की जाएगी।

 



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