संवाद न्यूज एजेंसी
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झांसी। ग्वालियर-श्योपुरकलां के बीच दुनिया के सबसे लंबे नैरो गेज (छोटी रेल लाइन) पर चलने वाली 137 साल पुरानी ट्रेन अब इतिहास बन गई है। रेलवे यहां ब्रॉड गेज (बड़ी रेल लाइन) बिछा रहा है, जिसका काम अगले साल पूरा हो जाएगा। ट्रैक का काम पूरा होते ही एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा।
ब्रिटिश काल में सिंधिया रियासत के लिए 1887 में ग्वालियर से श्योपुरकलां के बीच 200 किलोमीटर की नैरो गेज लाइन बिछाई गई थी। इस ट्रैक पर हिल स्टेशन की तरह छोटी ट्रेन का संचालन होता रहा है। इस ट्रेन की गति 15 किलोमीटर प्रतिघंटा ही रही। ग्वालियर से श्योपुरकलां तक का सफर दस घंटे में पूरा हो पाता था। यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मंडल रेल प्रशासन ने यहां ब्रॉड गेज लाइन बिछाने का प्रस्ताव 2020 में रेलवे बोर्ड को भेजा था। इसके बाद यहां 3,597 करोड़ रुपये से छोटी लाइन हटाकर इसके स्थान पर बड़ी लाइन डालने के काम को मंजूरी मिल गई।
मंडल ने इस रेलमार्ग पर अब तक कैलारस स्टेशन तक ट्रैक बिछाने का काम पूरा कर लिया है। जौरा तक मेमू ट्रेन का संचालन भी शुरू कर दिया गया है। अगले साल 2025 में ग्वालियर से श्यापुरकलां तक रेलमार्ग का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। इसे कोटा तक ले जाने की योजना है, जिसके लिए हालिया बजट में 500 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
– इन गांवों को जोड़ती थी नैरो गेज ट्रेन
छेटी रेल लाइन पर चलने वाली ट्रेन बिरलानगर, रायरू, बामौर गांव, अंबिकेश्वर, सुमावली, जौरालापुर, भुट्टपुरा, कोलारस, सेमई, पीपलवाड़ी चौकी, सबलगढ़, रामपहाड़ी, विजयपुर रोड, कैमाराकलां, वीरपुर, सिल्लीपुर, इकडौरी, टर्राकलां, सिरोनी रोड, खोजीपुरा, दुर्गापुरी, गिरधरपुर और श्योपुरकलां को जोड़ती थी।
– रेलवे ने बनाई ऐतिहासिक ट्रेन की डॉक्यूमेंट्री
झांसी रेल मंडल के इतिहास में शामिल नैरो गेज ट्रेन अब बीते दिनों की बात हो गई है। लेकिन, रेलवे ने अपने इतिहास को संजोने के लिए नैरो गेज ट्रेन पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री तैयार की है, जिसमें 15 मिनट में पूरी रेलयात्रा को समेटा गया है।
वर्जन
ग्वालियर से श्योपुरकलां को जोड़ने वाली नैरो गेज ट्रेन का संचालन बंद हो चुका है। इसके स्थान पर अब ब्रॉड गेज लाइन बिछाने का काम चल रहा है। इसे 2025 में पूरा कर लिया जाएगा, जिस पर एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। इससे यात्रियों का समय बचेगा।
मनोज कुमार सिंह, मंडल रेल जनसंपर्क अधिकारी।