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पीलीभीत के न्यूरिया क्षेत्र में जिस खूंखार बाघ ने हमलाकर महिला को मार डाला था, उससे 17 साल का नीलेश भिड़ गया था। दोस्त नीलेश को बचाने के लिए हरवंश भी बाघ से लड़ गया। घायल नीलेश ने बताया कि बृहस्पतिवार को सुबह साढ़े सात से आठ बजे का समय रहा होगा। वह और हरवंश गन्ने के खेत में घास काटने जा रहे थे, तभी बाघ ने झपट्टा मारा। उसने खुद को बचाने के लिए बाघ की गर्दन पकड़ ली…एक यही रास्ता था, जिससे जान बच सकती थी। 

करीब दो मिनट तक बाघ से उलझे, इसके बाद बाघ जंगल की ओर चला गया। बाघ से भिड़ने का वाक्या बताते समय जिला अस्पताल में भर्ती नीलेश के चेहरे पर अलग ही भाव दिखा। साथी हरवंश ने भी मुश्किल समय में नीलेश का साथ नहीं छोड़ा। वह भी बाघ से साथी को बचाने के लिए भिड़ गया था। गांव मंडरिया निवासी नीलेश गांव के ही अपने साथी हरवंश और एक अन्य के साथ गांव के बाहर गन्ने के खेत में घास काटने गए थे। 

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17-year-old Nilesh fought with tiger in Pilibhit Harvansh also fought to save his friend

अस्पताल में भर्ती घायल नीलेश
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


नीलेश ने बताया कि वह और हरवंश खेत के अंदर चले गए। तीसरा साथी सड़क पर था, तभी गन्नो के बीच छिपकर बैठे बाघ ने उसपर हमला कर दिया। खुद को बचाने के लिए वह भिड़ गया। उसने बाघ की गर्दन पकड़ी और हरवंश ने पीठ पकड़कर बाघ को खींचा। दोनों ने शोर-शराबा मचाया। इसके बाद बाघ उसे छोड़कर भाग गया।


17-year-old Nilesh fought with tiger in Pilibhit Harvansh also fought to save his friend

घायल नीलेश के पास बैठे उसके परिजन
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


खुद को बचा लाए हम…

घायल नीलेश को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे हरवंश का कहना था कि नीलेश ने बाघ की गर्दन पकड़ी थी। हमने उसे पीछे से पकड़कर खींचा। बाघ भाग गया हम लोग भी गांव की ओर दौड़े। लहूलुहान नीलेश को रास्ते में गोद में उठाया। हरवंश के कपड़े भी खून से सन गए थे। इलाज के समय वह नीलेश के पास ही मौजूद रहा।


17-year-old Nilesh fought with tiger in Pilibhit Harvansh also fought to save his friend

खेत में बाघ, सड़क पर पड़ी घायल महिला
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


महिला को मुंह में दबाकर ले जा रहा था बाघ, खौफनाक था मंजर

सुबह साढ़े छह से सात बजे के बीच गांव के लोगों की दिनचर्या शुरू हो गई थी। कोई जानवरों को चारा-पानी तो कोई खेत की ओर निकला। मीना खेत की ओर जा रही थी, करीब 20 कदम पर हम थे। अचानक गन्ने के खेत से निकले बाघ ने उन्हें मुंह में दबा लिया और खेत की ओर ले जाने लगा। यह मंजर बहुत ही खौफनाक था… दृश्य को याद करते हुए गांव सहजनिया निवासी दीपक सिंह ने बताया कि कुछ नहीं मिला तो मिट्टी और पत्थर उठाकर बाघ पर फेंके। तब बाघ महिला को छोड़कर भाग गया। 


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अस्पताल में भर्ती घायल महिला
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


बाघ ने बृहस्पतिवार सुबह गांव सहजनिया निवासी मीना देवी पर भी हमला किया। घटना के समय उनके पड़ोस में रहने वाले दीपक भी कुछ पीछे थे। दीपक ने बताया कि खेत भी गांव से अधिक दूरी पर नहीं था। बाघ अचानक से आ गया और मीना को मुंह में दबाकर करीब 20 मीटर तक ले गया। बाघ ने उन्हें इस तरह उठाया था कि जैसे कोई छोटा बच्चा। शोर मचाने पर अन्य ग्रामीण भी जमा हो गए। तब जाकर मीना की जान बची। पता चलते ही गांव में हड़कंप मच गया। जिला अस्पताल में भी काफी संख्या में लोग जुटे।




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