कालपी। नगर के नालों को यमुना नदी में गिरने से रोकने और सीवेज पंपिंग स्टेशन व ट्रीटमेंट प्लांट से संबंधित कार्यों के लिए शासन से 18.62 करोड़ रुपये के बजट को स्वीकृति मिल गई है। इस परियोजना के तहत नगर के कई मोहल्लों से निकलने वाले गंदे पानी का शोधन किया जाएगा, जिससे यमुना में गिरने वाला प्रदूषित पानी रोका जा सकेगा। इससे नगर में स्वच्छता व्यवस्था भी बेहतर होगी और यमुना नदी के किनारे प्लांट का निर्माण होगा।

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क्षेत्रीय विधायक विनोद चतुर्वेदी ने जानकारी दी कि स्वच्छ भारत मिशन-2 के दिशा-निर्देशों के तहत कालपी नगर में नाला टैपिंग, सीवेज पंपिंग स्टेशन और ट्रीटमेंट प्लांट जैसे कार्य प्रस्तावित किए गए थे। इस परियोजना की डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) 18.64 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ तैयार की गई थी।

उन्होंने बताया कि नगर के विभिन्न मोहल्लों का गंदा पानी सीधे यमुना नदी में गिरता रहा है। इसे रोकने के लिए नालों को टैप कर सीवरेज नेटवर्क, बकर्स निर्माण और सिटी सेनेटेशन एक्शन प्लान के अंतर्गत कार्य प्रस्तावित किए गए थे। प्रदेश के नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव, मुख्य सचिव एवं राज्य स्तरीय तकनीकी समिति ने इस योजना को पहले ही स्वीकृति दे दी थी।

वर्ष 2026 तक नगर पालिका क्षेत्र के लगभग 70 हजार लोग लाभान्वित होंगे। उत्तर प्रदेश हस्त निर्मित कागज निर्माता समिति के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि नगर में कागज निर्माण की कई इकाइयां स्थापित हैं, जिनसे निकलने वाला अपशिष्ट जल भी सीधे नालों के माध्यम से यमुना नदी में पहुंचता है। अब सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के बनने से यह गंदा पानी पहले शुद्ध किया जाएगा, जिससे यमुना में प्रदूषण नहीं फैलेगा।



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