भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में तल्खी कोई नई बात नहीं है। छह दशक पहले 1965 में दोनों देशों के बीच छिड़े युद्ध ने पूरे उपमहाद्वीप को हिला दिया था। आज उस जंग को पूरे 60 साल हो चुके हैं, लेकिन उसकी गूंज अब भी इतिहास और राजनीति में सुनाई देती है। यूपी सरकार ने भी तब एक बड़ा फैसला लिया था कि राज्य में शत्रु के सैनिकों को शरण देने वाले को मृत्युदंड की सजा दी जाएगी।
11 सितंबर 1965 को अमर उजाला लिखता है- उत्तर प्रदेश में पाक आक्रमण के प्रति तीव्र रोष छाया हुआ है। कोई स्थान ऐसा नहीं, जहां इसके प्रति रोष प्रकट न किया जा रहा हो और मातृभूमि की रक्षा करने एवं पाक जासूसों को पकड़ने के लिए सरकार को पूर्ण सहयोग का वचन न दिया गया हो। उत्तर प्रदेश सरकार ने एक आदेश जारी कर चेतावनी दी कि जो व्यक्ति पाकिस्तानी छतरीधारी सैनिकों को शरण देगा, उसे माैत की सजा तक दी जा सकती है।