पाकिस्तान के साथ वर्ष 1971 के युद्ध को भले आज 54 साल पूरे हो चुके लेकिन, उस लड़ाई में भारतीय सेना की ओर से शामिल लड़ाकों के जेहन में आज भी वह मंजर जस का तस जिंदा है। इन पूर्व सैनिकों को गर्व है कि बांग्लादेश को आजाद कराने की मुहिम में वह भी साथ रहे थे।

एयर फोर्स एवं तोपखाना में तैनात थे पूर्व सैनिक

करगुवा स्थित डिफेंस कॉलोनी निवासी सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट वीके दीक्षित ने उस लड़ाई को याद करते हुए बताते है कि उनकी ड्यूटी 108 मीडियम कोर में थी। यह सेना की आर्टिलरी (तोपखाना) डिवीजन थी, जिसके जिम्मे पैदल सेना के लिए रास्ता खोलना था। तोपखाना ने अपनी मारक क्षमता को दिखाते हुए भारतीय सीमा से करीब 42 किलोमीटर अंदर पहुंच गई थी। जमीन की लड़ाई में भी पाकिस्तान के छक्के छूट गए वहीं, पाकिस्तानी सेना पर भारतीय वायु सेना भी आग बरसा रही थी। नगरा के निर्मला कान्वेंट स्कूल के पास रहने वाले पूर्व वायु सैनिक एनसीई ओम प्रकाश बताते हैं कि वर्ष 1971 में उनकी तैनाती अमृतसर एयरबेस में थी। तीन दिसंबर की शाम करीब पांच बजे अचानक पाकिस्तानी विमानों ने बम बरसाने शुरू कर दिए। अमृतसर, आगरा समेत 84 ठिकानों को निशाना बनाया गया। पाकिस्तानी हमलों का किसी को भान नहीं था। तुरंत भारतीय सेना ने पलटवार की तैयारी की। चंद घंटों में ही जवाबी कार्रवाई के लिए फाइटर प्लेन तैयार हो गए। इनफेंट्री के साथ वायु सेना ने महज 13 दिनों के भीतर यह ऐतिहासिक जीत हासिल करने में कामयाब हुई। 16 दिसंबर को पाकिस्तानी सेना को समर्पण करने को मजबूर होना पड़ा। कोछाभांवर निवासी श्रीराम यादव भी वारंट ऑफिसर के तौर पर 1971 की लड़ाई के दौरान आगरा एयरबेस पर तैनात थे। 83 साल की उम्र में भी उनको 1971 में छिड़ी वह लड़ाई जेहन में याद है। राजगढ़ के विकास नगर निवासी सिपाही अब्बास अली ने भी याद करते हुए बताया कि वह इंजीनियरिंग शाखा में तैनात थे। युद्ध के दौरान उनको पांव में गोली लगी थी। युद्ध के बाद उनको स्टार मेडल मिला था। सूबेदार मेजर राम कुमार बताते हैं कि लड़ाई के दौरान उनकी तैनाती लेह में थी। पश्चिमी पाकिस्तान बार्डर तक उपकरणों को पहुंचाने का जिम्मा उनके पास था।

झांसी के इन वीर सैनिकों ने लिया था हिस्सा

झांसी निवासी कई पूर्व सैनिकों ने लड़ाई में हिस्सा लिया था। इनमें सूबेदार मेजर राम कुमार, लेफ्टिनेंट वीवी दीक्षित, हवलदार राधे कृष्ण विश्नोई, कैप्टन भूपेंद्र सिंह, एनसी ओम प्रकाश, एनके स्वामी प्रसाद, सिपाही अब्बास अली, कैप्टन आरपी सिंह, सिपाही अब्दुल हमीद, हवलदार केके मांडले, एनके कैलाश नारायण शुक्ला, मेजर केएल शर्मा समेत अन्य युद्ध में शामिल हुए थे।

हाथी ग्राउंड में जुटेंगे पूर्व सैनिक

विजय दिवस के अवसर पर मंगलवार सुबह 8:30 बजे युद्ध स्मारक हाथी ग्राउंड में पूर्व सैनिक एकत्रित होकर श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे। इस दौरान पूर्व सैनिकों का सम्मान होगा। उनके पराक्रम की भी चर्चा होगी। अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद की ओर से इसका आयोजन होगा।



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