
उत्तर प्रदेश उपचुनाव 2024
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
अलीगढ़ के खैर क्षेत्र की बाइसी इन दिनों चर्चा में है। ब्राह्मणों के 22 गांव एकसाथ होने के कारण इस क्षेत्र को ब्राह्मणों की बाइसी कहा जाता है। खैर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में सभी दलों की नजर बाइसी पर है। इन 22 गांवों में करीब 40 हजार वोटर हैं, इसलिए प्रत्येक प्रत्याशी इन वोटरों का समर्थन पाने के लिए लालायित रहता है। क्षेत्र में कहावत है कि जिसके साथ बाइसी…उसके सिर पर ताज।
खैर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में भाजपा ने 13 नवंबर को बाइसी के गांव जरारा में प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन आयोजित किया, जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को रहना था, लेकिन धुंध छाए रहने के कारण उपमुख्यमंत्री नहीं आ सके। उन्होंने मोबाइल पर सम्मेलन को संबोधित किया था। भाजपा की पूरी कोशिश बाइसी के ब्राह्मणों की ताकत को भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र दिलेर की ओर झुकाने की थी। इसी तरह विधानसभा में नेता विरोधी दल माता प्रसाद पांडेय ने बृहस्पतिवार को बाइसी के गांव अंडला में सपा प्रत्याशी चारू कैन के समर्थन में नुक्कड़ सभा को संबोधित किया।
बाइसी की ताकत से ये नेता पहुंचे सदन
सांसद सतीश गौतम, पूर्व विधायक प्रमोद गौड़, पूर्व विधायक भगवती प्रसाद सूर्यवंशी, अनूप वाल्मीकि, चौ. सतपाल सिंह, ये ऐसे नाम हैं जो सार्वजनिक मंच पर कहते हैं कि उन्हें सदन में पहुंचाने में बाइसी की ताकत का बहुत बड़ा योगदान है। बताते हैं कि लोकसभा चुनाव में सांसद सतीश गौतम को खैर विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा वोट बाइसी से मिले थे, जिससे उनकी जीत सुनिश्चित हुई। इसी तरह प्रमोद गौड़ कहते हैं कि वह बसपा से विधायक चुने गए थे, लेकिन उनके जीतने में बाइसी की ताकत का बड़ा योगदान था। रालोद से विधायक रहे भगवती प्रसाद सूर्यवंशी ने भी जरारा गांव में भाजपा के मंच से कहा था कि उनकी जीत बाइसी के सहयोग के कारण ही संभव हुई थी।
बाइसी के गांव
अंडला, हैवतपुर, ककौला, भानोली, सहरोई, खेड़िया, पीपलगांव, जरारा, अर्राना, कुंवरपुर, मगौला, गोंदोली, भोगपुर, उसरम, वीरुआ नगला, वामनी, तेहरा, चौधाना, बलीपुर, बाइदपुर, स्माइलपुर, बिहारीपुर