2237 babies of rare Sal and Dhor species of turtles have joined Chambal family in Agra

चंबल आए दुर्लभ ‘साल और ढोर’ कछुओं के दो हजार से अधिक नन्हें मेहमान
– फोटो : संवाद

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उत्तर प्रदेश के आगरा में चंबल के कुनबे में दुनियाभर में दुर्लभ हुए साल और ढोर प्रजाति के कछुओं के 2237 बच्चे शामिल हुए हैं। कछुओं की साल प्रजाति सिर्फ चंबल नदी में बची है, जबकि ढोर प्रजाति के 98 फीसदी कछुए चंबल नदी में हैं। दो फीसदी कछुए गंगा और यमुना नदी में हैं।

कछुओं की 500 मादाएं चंबल नदी में हैं। चंबल के रेंजर उदय प्रताप सिंह ने बताया कि मार्च में रेहा, विप्रावली, उमरैठा, महुआशाला, चीकनीपुरा, नंदगवां वन ब्लॉक में 92 नेस्ट में कछुओं ने 2325 अंडे दिए थे। मई में हुई हैचिंग में 2237 नन्हे मेहमानों का जन्म हुआ है। 88 अंडे नष्ट हुए हैं।

मगरमच्छ के 234 शिशुओं का जन्म

मगरमच्छ की हैचिंग का काम भी पूरा हो गया है। रेंजर ने बताया कि क्योरी, नंदगवां वन ब्लॉक में एक-एक, चीकनीपुरा वन ब्लॉक में दो, महुआशाला वन ब्लॉक में तीन कुल 7 घोसलों में मगरमच्छ ने 250 अंडे दिए थे। इनमें से 234 मगरमच्छ शिशुओं का जन्म हुआ है। 16 अंडे नष्ट हो गए। चंबल में 928 मगरमच्छ हैं, जिनमें 281 बाह रेंज के शामिल हैं।



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